'बच्चों के नाम रखें- बम, गन, सैटेलाइट'- उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने जारी किया अजीबोगरीब फरमान, दिशानिर्देश नहीं मानने पर लगेगा जुर्माना
By आजाद खान | Published: December 5, 2022 10:55 AM2022-12-05T10:55:43+5:302022-12-05T11:05:43+5:30
ऐसे में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन द्वारा जारी किए हुए नए दिशानिर्देशों से नागरिक काफी परेशान है और वे इसके खिलाफ शिकायत भी कर रहे है।
प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने देशवासियों को एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत लोगों को अपने बच्चों के नाम बम, गन और सैटेलाइट की तर्ज पर देने होंगे। यही नहीं बड़े और बुढ़ों को भी अपना नाम बदलना होगा।
ऐसे में इस फरमान के जारी होने के बाद लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा भी है। कुछ लोगों ने तो इसका विरोध भी किया है और इसके खिलाफ अपनी आवाज भी उठाई है।
क्या है नया फरमान
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने फरमान जारी कर लोगों को उनके नाम बदलने और बच्चे को लिए नए नाम रखने की बात कही है। इसके लिए उनके द्वारा बाकायदा दिशानिर्देश जारी किया गया है। इस दिशानिर्देश के अनुसार, लोगों को अब मधुरता वाले नाम नहीं रखने होंगे और उन्हें बच्चों और उनको ऐसे नाम देने होंगे जिसमें देशभक्ति का भावना झलकती है।
ऐसे में अब ए री (प्यार करने वाला), सो रा (शंख) और सु एमआई (सुपर ब्यूटी) जैसे नाम नहीं रखने होंगे और इसके बदले लोगों को चोंग इल (बंदूक), चुंग सिम (वफादारी), पोक इल (बम) जैसे नाम रखने होंगे। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि इस तरीके से सभी को ऐसे नाम रखने होंगे।
लोगों ने किया इस फरमान का विरोध
इस तरह के दिशानिर्देश जारी करने के पीछे किम जोंग का कहना है कि इन नामों में देशभक्ति का भाव झलकता है। ऐसे में लोगों को ऐसे ही नाम रखने चाहिए। यही नहीं उनका यह भी कहना है कि मधुरता वाले नाम हमारी संस्कृति नहीं है बल्कि यह दक्षिण कोरियाई शैली है जो अब पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक बनते जा रही है।
दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि जो लोग इसे नियम को नहीं मानेंगे उन्हें जुर्माना देना होगा या इससे भी बुरी हालत का उन्हें सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में डेली स्टार की एक रिपोर्ट की अगर माने तो नागरिकों ने इसके खिलाफ शिकायत की है।
नाम बदलने के लिए लोगों को दी जा रही है नोटिस
इस पूरे मामले में बोलते हुए एक नागरिक ने इस बारे में बयान दिया है। नागरिक ने रेडियो फ्री एशिया से बातचीत करते हुए कहा है कि, 'लोग यह शिकायत कर रहे हैं कि अधिकारी लोगों पर वह नाम रखने का दबाव बना रहे हैं, जो सत्ता चाहती है। पिछले महीने से लोगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नाम में बदलाव करने के लिए उनके पास इस साल के आखिर तक का वक्त है। नागरिकों को आदेश में कहा गया है कि क्रांतिकारी मानकों को पूरा करने के लिए उनके नामों के सियासी मतलब निकलने चाहिए।'