उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार, अमेरिका, जापान ने कहा-चोरी हो सकते हैं अथवा बिक सकते हैं, अव्यवस्था पर कई देश चितिंत
By भाषा | Published: April 30, 2020 06:57 PM2020-04-30T18:57:13+5:302020-04-30T18:57:13+5:30
उत्तर कोरिया में कुछ भी सही नहीं है। किम जोंग उन को लेकर कई देश चितिंत है। अमेरिका और जापान सहित कई देशों का कहना है कि परमाणु हथियार का क्या होगा।
तोक्योः दुनिया भर के विशेषज्ञ उत्तर कोरिया के पतन के बारे में दशकों से कहते आ रहे हैं लेकिन यह हमेशा गलत साबित हुआ है। कुछ ने कहा कि 1953 में समाप्त हुये कोरियाई युद्ध के बाद इसका पतन होगा जबकि कुछ ने 1990 के दशक के अकाल अथवा इसके संस्थापक किम इल सुंग के 1994 में हुये निधन के बाद ऐसा होना बताया था।
किम इल सुंग के बेटे किम जोंग इल के बेटे का निधन हुआ और 2011 में जब किम जोंग उन सत्ता में आये तो कुछ लोगों ने कहा कि अब उत्तर कोरिया का पतन निश्चित है। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के गंभीर रूप से बीमार पड़ने के अटकलों के बाद इसी तरह की बात फिर से कही जा रही है।
दक्षिण कोरिया का मानना है कि किम जीवित हैं और नियंत्रण में हैं और अधिकतर विश्लेषकों का यह मानना है कि अगर वह नहीं होते तो किम की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग कुछ चुनिंदा अधिकारियों की मदद से संभवत: नियंत्रण अपने हाथ में ले लेतीं।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया इस दौर का भी मुकाबला ठीक उसी तरह से कर लेगा जैसा कि इसने अन्य उथल-पुथल का किया है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो उत्तर कोरिया में होने वाली उथल-पुथल से इस प्रकार से विभिन्न देश निपट सकते हैं। इस बारे में अमेरिका की योजना है कि अगर उत्तर कोरिया में सरकार गिरती है, उस स्थिति में अमेरिका और दक्षिण कोरिया की आकस्मिक योजना —ओपलान 5029— कथित रूप से अस्तित्व में आयेगी।
इसका मकसद सीमा की सुरक्षा तथा सरकार के काम नहीं करने या और परमाणु हथियारों का नियंत्रण अनिश्चित हो जाने की स्थिति में उन हथियारों की सुरक्षा करना है । एमआईटी में उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार मामलों के विशेषज्ञ विपिन नारंग ने कहा, ‘‘लाखों डॉलर का सवाल यह है कि आप ओपलान को कब लागू करेंगे और ऐसा करने के लिए आप किन संकेतकों पर भरोसा करेंगे? क्योंकि एक देश के 'देश को सुरक्षित करने' का अभियान दूसरे देश को 'आक्रमण योजना' की तरह लग सकता है। इससे हालात तुरंत बिगड़ सकते हैं। ”
अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार हैं जो इस्तेमाल हो सकते हैं, चोरी हो सकते हैं अथवा बिक सकते हैं । हवाई में पैसिफिक फोरम थिंक टैंक के अध्यक्ष राल्फ कोसा ने कहा, "अगर अमेरिका के पास उत्तर कोरिया में अंदर जाकर उसके परमाणु हथियार हासिल करने की योजना नहीं है तो हम अपना काम नहीं कर रहे हैं।" दूसरी ओर सहायता और राजनयिक समर्थन के लिए उत्तर कोरिया का मुख्य स्रोत चीन ही है । चीन अपने इस कमजोर पड़ोसी देश में राजनीतिक स्थिरता को अपनी सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण मानता है।
यद्यपि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का चीन ने समर्थन किया था । चीन हर उस बात को लेकर सावधान है जो अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करेगा, सत्तारूढ पार्टी को सत्ता से हटायेगा, उसकी सीमा पर संघर्ष की स्थिति पैदा करेगा और सीमा पार से शरणार्थियों का देश में प्रवेश करायेगा । चीन की सबसे बड़ी चिंता अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं का उसकी सीमा से संचालन को लेकर है। इसी चिंता के कारण 70 पहले चीन को कोरियाई युद्ध में कूदना पड़ा था ।
चीन के एक प्राध्यापक लू चाओ का मानना है कि उत्तर कोरिया में नेतृत्व परिवर्तन से संभवत: आपसी संबंधों में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। उत्तर कोरिया के पतन की स्थिति में अमेरिकी सेना के साथ संयुक्त योजनाओं के अलावा, दक्षिण कोरिया इस योजना पर भी कथित रूप से काम कर रहा है कि आने वाले शरणार्थियों को कैसे आश्रय देना है। इसके अलावा उत्तर कोरिया में एक आपातकालीन प्रशासनिक मुख्यालय स्थापित करने पर भी काम हो रहा है।