गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों का डॉक्टर खत्म कर सकते हैं जीवन, इस सरकार ने दी मंजूरी
By स्वाति सिंह | Published: October 19, 2020 02:30 PM2020-10-19T14:30:05+5:302020-10-19T14:30:23+5:30
नीदरलैंड सरकार शुरूआत से ही इस बात के पक्ष में रही है कि अगर किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी हो और अगर उसके ठीक होने की संभावना बहुत कम है तो चिकित्सा सहायता के जरिए उसको मौत दी जा सकती है।
एम्सटर्डम: नीदरलैंड में ऐसे बच्चे जो एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं और अब उनके परिजन अपने बच्चों की तकलीफ को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और ऐसे मरीजों के जीवन को खत्म करने की सरकार से अनुमति मांग रहे हैं। दरअसल, नीदरलैंड की डच सरकार ने डॉक्टरों को लाइलाज बीमारी से ग्रसित बच्चों के तकलीफ को खत्म करने के लिए उनके जीवन के अंत को मंजूरी दे दी है। इसके बाद से चिकित्सा के क्षेत्र में इस तरह बच्चों को मृत्यु देने के तरीके पर बहस शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि नीदरलैंड सरकार शुरूआत से ही इस बात के पक्ष में रही है कि अगर किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी हो और अगर उसके ठीक होने की संभावना बहुत कम है तो चिकित्सा सहायता के जरिए उसको मौत दी जा सकती है। चिकित्सा सहायता से ऐसे बच्चों को मौत दी जाती है जिनकी उम्र 12 साल या उससे बहुत कम हो।
इस तरह के काम को लेकर माता-पिता की मंजूरी आवश्यक होगी। मंगलवार को संसद को लिखे एक पत्र में डच स्वास्थ्य मंत्री ह्यूगो डी जॉन्ग ने 12 साल की आयु के बच्चों को शामिल करने के लिए कानून में बदलाव का प्रस्ताव रखा। ये बच्चे मौत की कगार पर हैं और पीड़ित हैं। डी जॉन्ग ने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि हर साल ऐसे लगभग 5 से 10 बच्चे प्रभावित होते हैं।
नीदरलैंड के डॉक्टरों ने चिंता व्यक्त की है कि अगर उन्हें 1 से 12 साल के बच्चों को "लाइलाज रूप से बीमार" बच्चों की ज़िंदगी खत्म करने में मदद करने के लिए अपराधी ठहराया जा सकता है, क्योंकि कानून में उन बच्चों के लिए कोई प्रावधान नहीं था जिनकी उम्र कम होने की आशंका है।