नेपाल के पीएम केपी ओली को कुर्सी बचाने के लिए मिला पाकिस्तान का साथ!, इमरान खान कल ओली से करेंगे बात

By अनुराग आनंद | Published: July 1, 2020 04:33 PM2020-07-01T16:33:00+5:302020-07-01T16:37:31+5:30

नेपाल में केपी शर्मा ओली सरकार की कुर्सी खतरे में देख पाकिस्तान के पीएम इमरान खान फोन पर बात कर उन्हें समर्थन देंगे।

Nepal's PM KP Oli joins Pakistan to save chair, Imran Khan will talk to Oli tomorrow | नेपाल के पीएम केपी ओली को कुर्सी बचाने के लिए मिला पाकिस्तान का साथ!, इमरान खान कल ओली से करेंगे बात

इमरान खान (फाइल फोटो)

Highlightsभारत के खिलाफ लगातार एक के बाद एक फैसले लिए जाने की वजह से केपी ओली के खिलाफ पार्टी में ही बगावत हो रही है।पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कल (गुरुवार) को दोपहर 12 बजे नेपाल के पीएम केपी ओली से बात करेंगे। आज बुधवार (01 जुलाई) को केपी शर्मा ओली ने मंत्रियों के साथ परामर्श करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई।

नई दिल्ली: भारत और चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच नेपाल के पीएम केपी ओली ने भी भारत से लगते सीमा पर सेना तैनात कर व नया नक्शा कानून पास कर दोनों देशों के रिश्तों को खराब करने का प्रयास किया है। इसी वजह से उनकी ही पार्टी (नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड व दो अन्य पूर्व प्रधानमंत्री ने उनसे इस्तीफा मांग लिया है। 

ऐसे में एचटी रिपोर्ट की मानें तो अब मौका मिलते ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान नेपाल के पीएम केपी ओली से फोन पर बात करेंगे। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान नेपाली पीएम ओली के साथ भारतीय सीमा को लेकर बात कर सकते हैं। पाकिस्तान के पीएम कल (गुरुवार) को दोपहर 12 बजे नेपाल के पीएम केपी ओली से बात करेंगे। 

रिपोर्ट की मानें तो इस बातचीत में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नेपाल के पीएम केपी ओली को समर्थन दे सकते हैं, खासकर तब जब उनकी ही पार्टी में उनके खिलाफ विद्रोह के स्वर मजबूत हो रहे हैं। भारत के खिलाफ लगातार एक के बाद एक फैसले लिए जाने की वजह से केपी ओली के खिलाफ उनकी ही पार्टी के नेताओं में नराजगी है।  

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प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुलाई मंत्रियों की बैठक-

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भारत विरोधी टिप्पणी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' समेत सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उनके इस्तीफे की मांग की। शीर्ष नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी न तो राजनीतिक तौर पर ठीक थी न ही कूटनीतिक तौर पर यह उचित थी।

इस बीच बुधवार (01 जुलाई) को केपी शर्मा ओली ने मंत्रियों के साथ परामर्श करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। 

ओली ने हाल में कहा था कि नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र के प्रकाशन के बाद उन्हें हटाने के प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर सत्तारूढ़ पार्टी की स्थायी समिति की बैठक शुरू होते हुए ही प्रचंड ने रविवार को प्रधानमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की। 

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उन्होंने कहा, 'भारत उन्हें हटाने का षड्यंत्र कर रहा है, प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी न तो राजनीतिक तौर पर ठीक थी न ही कूटनीतिक तौर पर यह उचित थी।' उन्होंने आगाह किया, 'प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह के बयान देने से पड़ोसी देश के साथ हमारे संबंध खराब हो सकते हैं।'  

इन नेताओं ने की केपी ओली के इस्तीफे की मांग-

प्रधानमंत्री ओली ने रविवार को कहा कि उन्हें हटाने के लिए 'दूतावासों और होटलों' में कई तरह की गतिविधियां हो रही हैं। नेपाल के कुछ नेता भी इसमें शामिल हैं। एक वरिष्ठ नेता ने प्रचंड के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा पड़ोसी देश और अपनी ही पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाना ठीक बात नहीं है। प्रचंड के अलावा, वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल, उपाध्यक्ष बमदेव गौतम और प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने प्रधानमंत्री को अपने आरोपों को लेकर सबूत देने और त्यागपत्र देने को कहा। 

अल्पमत में हैं केपी ओली-

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस तरह की टिप्पणी के लिए नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि, बैठक में मौजूद प्रधानमंत्री ने कोई टिप्पणी नहीं की। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'यह दिखाता है कि 48 सदस्यीय स्थायी समिति और नौ सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय, दोनों में प्रधानमंत्री अल्पमत में हैं।' इससे पहले अप्रैल में भी वरिष्ठ नेताओं ने ओली को प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देने को कहा था। 

ओली ने रविवार को कहा था, 'अपनी जमीन पर दावा कर मैंने कोई भूल नहीं की। नेपाल के पास 146 साल तक इन इलाकों का अधिकार रहने के बाद पिछले 58 साल से इस जमीन को हमसे छीन लिया गया था।' हालांकि नेपाल के इस दावे को भारत खारिज कर चुका है। 

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