चीनी अखबार को नेपाली राजदूत ने दिया इंटरव्यू, भारत पर लगाए ये गंभीर और झूठे आरोप
By अनुराग आनंद | Published: September 29, 2020 07:12 PM2020-09-29T19:12:15+5:302020-09-29T19:12:15+5:30
नेपाल के राजदूत महेंद्र बहादुर पांडे के इस रवैये का उनके देश में ही कई सारे विदेश मामलों के जानकारों ने आलोचना की है।
नई दिल्ली: एलएसी पर भारत व चीनी सेना के बीच तनाव जारी है। इस बीच नेपाल भी लगातार भारत को उकसाने का काम कर रहा है। खबर है कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में दिए अपने साक्षात्कार में नेपाल के राजदूत ने सभी प्रोटोकॉल व मार्यादा को तोड़ते हुए भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
भारत सरकार के साथ ही साथ नेपाली राजदूत महेंद्र बहादुर पांडे ने भारतीय मीडिया पर भी कई झूठे आरोप लगाए हैं। चीनी प्रवक्ता की तरह बोलते हुए अपने साक्षात्कार में नेपाली राजदूत ने भारत सरकार के रवैये को लेकर सवाल खड़ा किया है।
नेपाल के राजदूत के इस रवैये का उनके देश में ही कई सारे विदेश मामलों के जानकारों ने आलोचना की है। नेपाल सरकार के इस रवैये से दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के बजाय और भी बढ़ेगा। नेपाल लगातार भारत पर हमलावर है। जबकि भारत सरकार ने नेपाल को लेकर किसी भी तरह का बयान नहीं दिया है। भारत का मानना है कि नेपाल के साथ हर समस्या का समाधान शांति से होना है। लेकिन नेपाल भारत को उकसाने में कोई कमी नहीं कर रहा है।
नेपाली राजदूत ने क्या बयान दिया है?
ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में जिस तरह उन्होंने एक तरफ चीन की जमकर तारीफ की तो भारत पर नेपाली जमीन कब्जाने सहित कई गंभीर और झूठे आरोप मढ़ डाले। पांडे के इस इंटरव्यू से खुद नेपाल के जानकार और विश्लेषक हैरान हैं और उनकी कूटनीतिक समझ पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
चीन के सरकारी अखबार को दिए इंटरव्यू में महेंद्र बहादुर पांडे ने चीन-नेपाल रिश्तों की तारीफ की और कहा कि भारत के साथ भारतीय और विदेशी मीडिया चीन-नेपाल रिश्तों को खराब करने की कोशिश में है।
नेपाल के लोगों की प्रतिक्रिया क्या है?
बता दें कि काठमांडू पोस्ट की एक खबर के मुताबिक, महेंद्र बहादुर पांडे के इस इंटरव्यू की नेपाल में तीखी आलोचना हो रही है। विश्लेषक, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिक दलों के नेताओं ने पांडे के बयानों को गैरकूटनीतिक एक राजदूत के दायरे से बाहर बताया है, जो कि प्रोटोकॉल के उल्लंघन वाला है।
शेर बहादुर देबुआ और सुशील कोइराला के विदेश संबंध सलाहकार रहे दिनेश भट्टाराई ने कहा, ''मैं नहीं समझ पाता कि क्यों हमारे राजदूत भारत, चीन या किसी ऐसे देश के पक्ष में बात करते हैं जहां वे सेवा दे रहे हैं।