नेपाल में राजनीतिक तनावः पीएम ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नए सिरे से बातचीत शुरू की, दोनों नेताओं में बढ़ रहे मतभेद 

By भाषा | Published: July 14, 2020 05:05 PM2020-07-14T17:05:10+5:302020-07-14T17:05:10+5:30

शुक्रवार को एनसीपी की 45 सदस्य शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक आखिरी समय पर चौथी बार टाली गई थी। इसका कारण बाढ़ और भूस्खलन बताया गया है जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है।

Nepal politics Oli, Prachanda hold fresh talks amidst ruling communist party crisis | नेपाल में राजनीतिक तनावः पीएम ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नए सिरे से बातचीत शुरू की, दोनों नेताओं में बढ़ रहे मतभेद 

नेपाल में राजनीतिक तनावः पीएम ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नए सिरे से बातचीत शुरू की, दोनों नेताओं में बढ़ रहे मतभेद 

Highlightsनेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष ओली और कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड ने चर्चा फिर से शुरू की है। दोनों नेताओं ने आखिरी बार आमने-सामने की वार्ता पिछले बुधवार को की थी। यह बातचीत शुक्रवार को स्थायी समिति की होने वाली अहम बैठक से पहले हो रही है।प्रधानमंत्री की भारत विरोधी टिप्पणी "न राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक रूप से उचित।

काठमांडोःनेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने पार्टी को टूटने से बचाने के लिए मंगलवार को छह दिन के बाद फिर से बातचीत शुरू की।

पार्टी में दोनों नेताओं के गुटों के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं। “द काठमांडो पोस्ट“ की खबर के मुताबिक, प्रचंड के प्रेस सलाहकार ने कहा कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष ओली और कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड ने चर्चा फिर से शुरू की है।

दोनों नेताओं ने आखिरी बार आमने-सामने की वार्ता पिछले बुधवार को की थी। यह बातचीत शुक्रवार को स्थायी समिति की होने वाली अहम बैठक से पहले हो रही है। ऐसी उम्मीद है कि इस बैठक में 68 साल के प्रधानमंत्री का राजनीतिक भविष्य तय हो सकता है। ओली पहले आरोप लगा चुके हैं कि उनके विरोधी भारत की मदद से उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड ने कहा था कि वह पार्टी को टूटने नहीं देंगे और कहीं से भी पार्टी की एकता को कमजोर करने वाली कोशिश से कोरोना वायरस महामारी और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ाई में अघात पहुंचेगा।

उनकी इस टिप्पणी के बाद स्थायी समिति की अहम बैठक होने जा रही है। अपने गृहनगर चितवान में रविवार को एनसीपी के सदस्यों को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि वह पार्टी की एकता को बरकरार रखने के लिए दृढ़ हैं और “एक बड़ी पार्टी में मतभेद, विवाद और बहस स्वाभाविक हैं।“ प्रचंड समेत पार्टी के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा मांग रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की भारत विरोधी टिप्पणी "न राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक रूप से उचित।"

मतभेद तब और बढ़ गए जब ओली ने कहा कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए सत्तारूढ़ दल के नेता दक्षिणी पड़ोसी के साथ मिल गए हैं, क्योंकि उनकी सरकार ने नया राजनीति नक्शा जारी किया है जिसमें भारत के तीन क्षेत्रों को शामिल किया गया है। ओली और प्रचंड हाल के दिनों में आमने-सामने की आधा दर्जन से ज्यादा वार्ताएं कर चुके हैं और सत्ता में साझेदारी के समझौते के बहुत करीब पहुंच गए हैं।

शुक्रवार को एनसीपी की 45 सदस्य शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक आखिरी समय पर चौथी बार टाली गई थी। इसका कारण बाढ़ और भूस्खलन बताया गया है जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच, प्रधानमंत्री ओली ने पार्टी के अंदर दरार को अहमियत नहीं देते हुए कहा कि विवाद तो नियमित घटनाएं हैं जिन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।

Web Title: Nepal politics Oli, Prachanda hold fresh talks amidst ruling communist party crisis

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