‘राष्ट्रभक्त सरकार’ अपनी एक इंच जमीन पर भी किसी को अतिक्रमण करने नहीं देगी, कालापानी विवाद पर बोले नेपाल के प्रधानमंत्री

By भाषा | Published: November 18, 2019 06:22 PM2019-11-18T18:22:53+5:302019-11-18T18:22:53+5:30

भारत ने इसी माह के प्रारंभ में नवसृजित केंद्रशासित प्रदेशों -- जम्मू कश्मीर और लद्दाख तथा भारत के मानचित्र जारी किये थे। भारत के मानचित्र में इन केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाया गया था। इन मानचित्रों में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर, नवसृजित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का हिस्सा जबकि गिलगित बाल्तिस्तान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है।

'Nationalist government' will not let anyone encroach on their one inch of land, Nepal's Prime Minister said on the Kalapani dispute | ‘राष्ट्रभक्त सरकार’ अपनी एक इंच जमीन पर भी किसी को अतिक्रमण करने नहीं देगी, कालापानी विवाद पर बोले नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल सरकार किसी को भी नेपाल की सरजमीं का एक इंच का भी अतिक्रमण नहीं करने देगी।

Highlightsमीडिया की खबरों से कालापानी भारतीय मानचित्र में शामिल किये जाने की ओर उसका ध्यान गया। ओली ने कहा कि सरकार विवादित कालापानी क्षेत्र से भारतीय सशस्त्र बलों को हटाने के लिए कदम उठायेगी।

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा है कि वह भारत से कालापानी क्षेत्र से अपने सशस्त्रबलों को हटाने को कहेंगे और यह कि उनकी ‘राष्ट्रभक्त सरकार’ अपनी एक इंच जमीन पर भी किसी को अतिक्रमण करने नहीं देगी।

भारत ने इसी माह के प्रारंभ में नवसृजित केंद्रशासित प्रदेशों -- जम्मू कश्मीर और लद्दाख तथा भारत के मानचित्र जारी किये थे। भारत के मानचित्र में इन केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाया गया था। इन मानचित्रों में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर, नवसृजित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का हिस्सा जबकि गिलगित बाल्तिस्तान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है।

छह नवंबर को नेपाल सरकार ने कहा था कि मीडिया की खबरों से कालापानी भारतीय मानचित्र में शामिल किये जाने की ओर उसका ध्यान गया। ओली ने कहा कि सरकार विवादित कालापानी क्षेत्र से भारतीय सशस्त्र बलों को हटाने के लिए कदम उठायेगी।

उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार किसी को भी नेपाल की सरजमीं का एक इंच का भी अतिक्रमण नहीं करने देगी। नेपाली प्रधानमंत्री के निजी सचिव की ओर जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ हमारी राष्ट्रभक्त सरकार किसी को भी नेपाल की सरजमीं का एक इंच भी अतिक्रमण नहीं करने देगा।

पड़ोसी देश भारत को कालापानी क्षेत्र से अपने जवानों को वापस बुला लेना चाहिए।’’ उन्होंने इसपर बल दिया कि उनकी सरकार कूटनीति के माध्यम से कालापानी मुद्दे का हल चाहती है। प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय में आय है जब मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने अपने सहयोगी संगठन नेपाल स्टूडेंट्स यूनियन को इस मांग के साथ सड़क पर उतार दिया कि विवादित सीमा क्षेत्र से भारतीय सैनिकों की वापसी हो।

नेपाल के बड़े राजनीतिक दलों ने भारत सरकार के नये मानचित्रों पर आपत्ति की है जिनमें कालापानी को भारत की सीमा के अंदर दिखाया गया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि नेपाल सरकार इस बात पर स्पष्ट है कि कालापानी नेपाल का है। कुछ दिन पहले ओली द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने सलाह दी थी कि इस मुद्दे का कूटनीति के माध्यम से समाधान करने के लिए भारत के साथ उच्च स्तरीय राजनीतिक बातचीत शुरू की जानी चाहिए।

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