हत्या मामला: सीबी-सीआईडी ने हिरासत मिलने वाले दिन ही द्रमुक सांसद को अदालत में पेश किया
By भाषा | Published: October 14, 2021 08:51 PM2021-10-14T20:51:54+5:302021-10-14T20:51:54+5:30
कुड्डालोर (तमिलनाडु), 14 अक्टूबर अपराध शाखा- अपराध जांच विभाग (सीबी-सीआईडी) ने पूछताछ के बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद टीआरवीएस रमेश को हत्या के एक मामले में उसी दिन एक अदालत में पेश किया, जिस दिन उनकी हिरासत मिली थी।
पीड़ित के परिवार के वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके (रमेश) प्रति नरम रूख दिखा रही है।
हालांकि, पुलिस सूत्रों ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
यहां की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने 13 अक्टूबर को सीबी-सीआईडी को रमेश को एक दिन की हिरासत में दे दिया था।
सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के बाद उन्हें उसी दिन वापस अदालत में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और जिले की एक जेल में बंद कर दिया गया।
रमेश, गोविंदरासु की कथित हत्या के मुख्य आरोपी हैं, जो कुड्डालोर जिले के पनरुती में उसकी काजू इकाई में एक कर्मचारी थे। उनके सहायक समेत पांच अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है।
पीड़ित परिवार के वकील के बालू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अदालत ने एक दिन की पुलिस हिरासत दी। लेकिन तीन घंटे के भीतर उसे वापस अदालत में पेश किया गया। यह प्रतीकात्मक हिरासत है।’’
बालू पट्टाली मक्कल काची के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केवल हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, सांसद को हिरासत में लिया गया था, सीबी-सीआईडी का रमेश के लिए एक नरम रूख है।’’
पुलिस सूत्रों ने कहा, ‘‘अगर कोई आरोपी व्यक्ति अपराध के बारे में अपनी जानकारी या अपनी भूमिका आदि का खुलासा नहीं करता है, तो हम कुछ और दिनों के लिए हिरासत की मांग भी कर सकते हैं। यह सब जांच की प्रगति पर निर्भर करता है।’’
गौरतलब है कि 19 सितंबर को गोविंदरासु हमेशा की तरह काम पर चले गये थे। हालांकि, वह नहीं लौटे। अगले दिन सुबह-सुबह, उनके बेटे सेंथिलवेल को काजू इकाई ने सूचित किया कि ‘‘गोविन्दरासु ने आत्महत्या कर ली।’’प्रबंधन ने दावा किया था कि उसके पिता ने जहर खा लिया था।
शुरुआत में पुलिस ने इसकी ‘‘संदिग्ध परिस्थितियों में मौत’’ के रूप में जांच थी।
बालू ने आरोप लगाया, ‘‘गोविंदरासु को पीटा गया और उनकी मौत हो गई।’’ उन्होंने कहा कि सीबी-सीआईडी को स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
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