बलूचिस्तान में PAK ARMY का आतंक, लोगों की हत्या हो रही है, हमें पाकिस्तान से अलग करो, कार्यकर्ताओं ने पोस्टर वार छोड़ा
By भाषा | Published: September 14, 2019 05:44 PM2019-09-14T17:44:41+5:302019-09-14T18:09:34+5:30
बलूच मानवाधिकारी परिषद (बीएचआरसी) की तरफ से यहां के ब्रोकन चेयर स्मारक इलाके में आयोजित ‘बलूचों की हत्या बंद करो’ अभियान ऐसे समय में चलाया गया जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का 42वां सत्र चल रहा था।
बलूचिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा ‘‘घोर मानवाधिकार उल्लंघनों’’ को उजागर करने के लिए जिनेवा में पोस्टर अभियान चलाया।
बलूचिस्तान में ‘‘लोगों का लापता होना और उनकी हत्या’’ आम बात हो गई हैं। बलूच मानवाधिकारी परिषद (बीएचआरसी) की तरफ से यहां के ब्रोकन चेयर स्मारक इलाके में आयोजित ‘बलूचों की हत्या बंद करो’ अभियान ऐसे समय में चलाया गया जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का 42वां सत्र चल रहा था।
ब्रोकन चेयर एक स्मारक है जिसे स्विट्जरलैंड के कलाकार डैनियल बरसेट ने बनाया है। जिनेवा में कई प्रदर्शन और धरने इसी इलाके में आयोजित किए जाते हैं। बीएचआरसी ने बयान जारी कर कहा, ‘‘पाकिस्तान के अंदर बलूचिस्तान सबसे पिछड़ा इलाका है।
Geneva, Switzerland: Balochistan and Sindhi activists protest at Broken Chair in front of the United Nations office against enforced disappearances and atrocities committed by Pakistan Army. pic.twitter.com/hGFCwU1gNv
— ANI (@ANI) September 13, 2019
पाकिस्तान और चीन के लोगों के जीवन में सुधार के उद्देश्य से लाई गई परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर ने इस पिछड़ेपन को और बढ़ाया ही है और इससे पाकिस्तान को बलूच क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में मौजूद संसाधनों के दुरुपयोग और उससे लाभ कमाने का अवसर प्रदान किया है।’’
इसने कहा कि आधिकारिक तौर पर जिसे द्विपक्षीय संपर्क, निवेश और वाणिज्य को बढ़ावा देने का प्रयास बताया जा रहा है वह वास्तव में राज्य की तरफ से प्रायोजित ‘‘सांस्कृतिक तबाही’’ है। पोस्टर अभियान में ‘‘काफी संख्या में लोगों के लापता होने और उनकी हत्याएं किए जाने’’ को उजागर किया गया है।
बीएचआरसी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सेना गांवों में कत्लेआम करती है और वहां आग लगा देती है ताकि चीन की कॉलोनियों को वहां बसाया जा सके। बलूचिस्तान के जिन लोगों के घर नष्ट कर दिए गए हैं उन्हें पाकिस्तानी सेना के शिविरों के पास दयनीय हालत में रहने के लिए बाध्य किया जा रहा है।’’