मालदीव के पूर्व-तानाशाह मामून अब्दुल गयूम, शीर्ष न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद के खिलाफ चलेगा मुकदमा
By भाषा | Published: March 22, 2018 12:22 PM2018-03-22T12:22:44+5:302018-03-22T12:22:44+5:30
राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम के कई राजनीतिक विरोधियों की रिहाई का आदेश देने के बाद गयूम और न्यायाधीशों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। सरकार द्वारा दो शीर्ष न्यायाधीशों की गिरफ्तारी के बाद अन्य तीन ने राजनीतिक बंदियों की रिहाई के आदेश को रद्द कर दिया था।
माले, 22 मार्च: मालदीव की एक अदालत ने देश के पूर्व- तानाशाह और सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को आतंकवाद के मामले में उनके खिलाफ सुनवाई खत्म होने तक हिरासत में रखने को कहा है। फौजदारी अदालत में कल हुई मामून अब्दुल गयूम और प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद के खिलाफ सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी हुआ।
अभियोजन पक्ष ने हालांकि यह नहीं बताया कि किस आधार पर नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किये गये हैं। इन नौ लोगों में 30 साल तक इस द्वीपीय देश का शासन चलाने वाले मामून अब्दुल गयूम, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद, न्यायमूर्ति अली हामीद और गयूम के पुत्र सहित चार सांसद तथा पुलिस के एक पूर्व आयुक्त शामिल हैं। दोषी करार दिये जाने पर इन सभी को 10 से 15 वर्ष तक कारावास की सजा हो सकती है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम के कई राजनीतिक विरोधियों की रिहाई का आदेश देने के बाद गयूम और न्यायाधीशों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। सरकार द्वारा दो शीर्ष न्यायाधीशों की गिरफ्तारी के बाद अन्य तीन ने राजनीतिक बंदियों की रिहाई के आदेश को रद्द कर दिया था। जांचकर्ताओं को अपना फोन सौंपने से इनकार करने के संदेह में कुछ लोगों के खिलाफ न्याय में बाधा पहुंचाने का आरोप भी लगाया गया है।
सईद, हामीद और अन्य न्यायिक अधिकारियों पर सरकार गिराने के लिए रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया गया है। राष्ट्रपति यामीन और पूर्व तानाशाह गयूम सौतेले भाई हैं, लेकिन फिलहाल दोनों राजनीतिक विरोधी हैं।