महात्मा गांधी के सिग्नेचर वाले पत्र की होगी ऑनलाइन नीलामी, लग सकती है 14 लाख रुपये तक की बोली
By भाषा | Published: November 26, 2018 02:10 PM2018-11-26T14:10:53+5:302018-11-26T14:14:07+5:30
एक पन्ने के पत्र पर एम.के. गांधी नाम से हस्ताक्षर हैं। उक्त पत्र उन्होंने लॉर्ड पैथिक लॉरेंस को लिखा था जो भारत और बर्मा मामलों के राज्य सचिव थे। पत्र 10 अक्टूबर 1946 को नयी दिल्ली से लिखा गया था।
बोस्टन, 26 नवंबर (भाषा) महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया और उनके हस्ताक्षर वाला एक पत्र ऑनलाइन नीलाम होगा। उसके 20,000 डॉलर (करीब 14 लाख रुपये) में बिकने की संभावना है।
एक पन्ने के पत्र पर एम.के. गांधी नाम से हस्ताक्षर हैं। उक्त पत्र उन्होंने लॉर्ड पैथिक लॉरेंस को लिखा था जो भारत और बर्मा मामलों के राज्य सचिव थे। पत्र 10 अक्टूबर 1946 को नयी दिल्ली से लिखा गया था।
इस पत्र में गांधी ने जन्मदिन की बधाई देने के लिए लॉरेंस के प्रति आभार प्रकट किया था।
इसमें उन्होंने लिखा था, ‘‘ प्रिय मित्र, जन्मदिन की बधाई देने के लिए आपका आभार, इसी दिन 1918 में चरखे का भी पुनर्जन्म हुआ था। ’’
लॉर्ड पैथिक लॉरेंस उस बातचीत में शामिल थे जिसके चलते भारत की आजादी का रास्ता साफ हुआ।
नीलामी के लिए बोली पांच दिसंबर तक लगाई जा सकेगी।
महात्मा गांधी का लंदन में
महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। चार सितंबर 1988 को गांधी उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए मुंबई से लंदन रवाना हुए। करीब तीन हफ्ते की समुद्री यात्रा के बाद गांधी ब्रिटेन पहुँचे।
गांधी ने लंदन की अदालत के इनर टेंपल में पंजीकरण कराया। 1891 में गांधी को बैरीस्टर की उपाधि मिली।
बैरिस्टर की पढ़ाई करने के बाद गांधी कुछ समय के लिए भारत आये लेकिन यहाँ उनकी प्रैक्टिस सफल नहीं रही।
1893 में गांधी दक्षिण अफ्रीका के डरबन में गुजराती व्यापारी अब्दुल्ला बंधु के वकील बनकर पहुँचे। गांधी 20 साल से ज्यादा समय तक दक्षिण अफ्रीका में रहे।
गोपालकृष्ण गोखले जैसे कांग्रेस नेताओं के निमंत्रण पर गांधी 1915 में भारत लौटे। और धीरे-धीरे कांग्रेस के निर्विवाद नेता बन गये।