भारतीय चुनावों की निष्पक्षता, ईमानदारी पर अमेरिका को भरोसा, इसलिए नहीं भेजता है पर्यवेक्षक
By भाषा | Published: May 23, 2019 03:00 PM2019-05-23T15:00:04+5:302019-05-23T15:00:04+5:30
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कई बार कहा है कि हम भारत के सच्चे सामरिक साझीदार हैं।’’ उन्होंने इतनी बड़ी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए भारत और उसके लोगों की प्रशंसा की है।
अमेरिका ने भारतीय जनता की जमकर प्रशंसा करते हुये कहा है कि उसे भारतीय चुनावों की निष्पक्षता एवं ईमानदारी पर पूरा भरोसा है और चाहे जो भी जीते वह उसके साथ मिलकर काम करेगा। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्तागस ने यहां कहा, ‘‘मैं अमेरिका के नजरिए से कहूंगी कि हमें भारतीय चुनाव प्रक्रिया की ईमानदारी एवं निष्पक्षता पर पूरा भरोसा है और चाहे कोई भी जीते या जो भी परिणाम आए, हम उनके साथ मिलकर काम करेंगे।’’
अमेरिका, भारतीय चुनाव आयोग की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र साख के कारण अन्य देशों की तरह भारत में अपने पर्यवेक्षक नहीं भेजता। ओर्तागस ने कहा, ‘‘हमारे भारत सरकार के साथ बहुत मजबूत संबंध हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कई बार कहा है कि हम भारत के सच्चे सामरिक साझीदार हैं।’’ उन्होंने इतनी बड़ी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए भारत और उसके लोगों की प्रशंसा की है।
‘‘किसी ने मुझे आज बताया कि भारत की चुनाव प्रक्रिया मानव इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया है।’’ गौरतलब है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा की 543 सीटों के लिए हुये चुनाव में लगभग 90 करोड़ मतदाताओं ने विभिन्न राजनीतिक दलों के 8,000 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया है। बृहस्पतिवार को जारी मतगणना के ताजा रुझान के अनुसार भाजपा एकबार फिर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।