इमरान खान के खिलाफ ऑडियो लीक में होगी कानूनी कार्रवाई, शहबाज सरकार ने दी मंजूरी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 2, 2022 03:34 PM2022-10-02T15:34:19+5:302022-10-02T15:38:22+5:30
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और आजम खान के खिलाफ ऑडियो लीक मामले में जांच की सिफारिश कर दी है।
इस्लामाबाद:पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कथित ऑडियो लीक मामले में उस समय बढ़ गईं, जब शहबाज शरीफ सरकार की कैबिनेट ने उनके और मामले में शामिल अन्य सहयोगियों के खिलाफ औपचारिक रूप से जांच और कार्रवाई की मंजूरी दे दी।
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन के मुताबिक रविवार को इस बात की जानकारी सामने आयी कि शहबाज सरकार ने इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और आजम खान के खिलाफ जांच की सिफारिश कर दी है। जानकारी के मुताबिक इस संबंध में शरीफ कैबिनेट ने शुक्रवार को सुझाव भेज दिया था कि ऑडियो रिकॉर्डिंग के सामने आने के बाद पूर्व पीएम खान और अन्य सहयोगियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
बताया जा रहा है कि इमरान खान और उनके सहयोगियों शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और उनके पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान के बीच कथित तौर पर अनौपचारिक फोन बातचीत उजागर हुई है, जिसमें कथित तौर पर पीटीआई प्रमुख अपने सरकार के खिलाफ विदेशी साजिश का जिक्र कर रहे हैं।
समाचार पत्र डॉन के अनुसार 1 अक्टूबर को जारी हुए कैबिनेट दस्तावेजों से पता चलता है कि शुक्रवार को हुई शरीफ कैबिनेट की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, उनके राजनीतिक सहयोगियों और तत्कालीन सचिव की बातचीत के बारे में जांच और कार्रवाई के लिए एक उप-समिति के गठन का प्रस्ताव दिया गया है।
बताया जा रहा है कि मामले में जांच के लिए सरकार शीर्ष जांच एजेंसी (एफआईए) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम का गठन जल्द ही कर सकती है। जिसका मुख्य उद्देश्य मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध को सिद्ध करना और उसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए सिफारिश की मांग की जा सकती है।
इमरान खान के खिलाफ जांच करने वाली उप समीति में सरकार में गठबंधन दलों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कई मंत्री भी शामिल होंगे और इस मामले को राजनयिक साइबर रिकॉर्ड की चोरी के तहत एक अक्षम्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जो आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के उल्लंघन के तहत आता है।
वहीं शरीफ सरकार के इस फैसले के बाद इमरान खान की पीटीआई की ओर से वरिष्ठ नेता और मामले में आरोपी शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि शरीफ कैबिनेट ने यह साबित कर दिया है कि वास्तव में साइबर फोन लीक में इमरान खान की सत्ता को अपदस्थ करने के लिए साजिश रची गई थी।
उन्होंने रविवार को मुल्तान में आयोजित एक जनसभा में कहा, "सरकार ने साइबर फोन लीक पर हमारे रुख को स्वीकार कर लिया है। हमारी पार्टी सरकार द्वारा घोषित किसी भी जांच से नहीं डरती हैं। हमने कभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे पाकिस्तान के हितों को ठेस पहुंचे। हमने सम्मान के साथ इस देश की सेवा की और आगे भी करते रहेंगे।"