जापान ने चीन पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- चीन ने क्षेत्रीय सागरों में प्रभाव बढ़ाने के लिए कोरोना के खतरा को बढ़ाया है
By भाषा | Published: July 14, 2020 04:58 PM2020-07-14T16:58:37+5:302020-07-14T16:58:37+5:30
जापान ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ड्रैगन कोरोना फैलाकर सागर में अपना प्रभाव बढ़ाना चाह रहा है।
तोक्यो: जापान की सरकार ने कहा है कि चीन क्षेत्रीय सागरों में अपना दावा करने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास करने के साथ ही अपना प्रभाव बढ़ाने और सामरिक श्रेष्ठता को स्थापित करने के लिए कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का प्रयोग कर रहा है जो जापान और क्षेत्र के लिए अधिक खतरा पैदा कर रहे हैं।
सरकार की रक्षा प्राथमिकताओं को दर्शाने वाली रिपोर्ट को प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कैबिनेट ने मंगलवार को स्वीकार किया। इससे एक दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने एक बयान जारी कर दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के लगभग सभी अहम समुद्री दावों को खारिज कर दिया था।
जापान ने अपनी सैन्य क्षमता को पहले अधिक बढ़ाया है-
आबे सरकार का ‘डिफेंस व्हाइट पेपर 2020’ इस बात का विशेष उल्लेख करता है कि चीन एवं उत्तर कोरिया की तरफ से किन खतरों की आशंका हो सकती है। वहीं जापान अपनी रक्षा क्षमताओं को भी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। आबे के शासन में, जापान ने धीरे-धीरे अपना रक्षा बजट एवं क्षमताएं बढ़ाई हैं और महंगे अमेरिकी अस्त्र-शस्त्र खरीदे हैं।
जपान ने कोरोना को लेकर चीन पर झूट बोलने व गलत जानकारी देने का आरोप लगाया-
रक्षा मंत्री तारो कानो ने तकनीकी कारणों से हाल ही में अमेरिका की भूमि आधारित मिसाइल रोधक प्रणाली की तैनाती रोक दी थी और आबे ने फौरन घोषणा की कि वह जापान के रक्षा दिशा-निर्देशों में संशोधन की मंशा रखते हैं। यह जापान को अमेरिका के साथ अपने सुरक्षा गठबंधन के तहत सिर्फ अपनी सुरक्षा की पारंपरिक भूमिका के दायरे से आगे बढ़ने की गु्ंजाइश दे सकता है।
इसमें पुर्वानुमान के आधार पर हमला करने की क्षमता रखने की संभावना पर चर्चा करना भी शामिल है। व्हाइट पेपर में चीन पर कोरोना वायरस के प्रसार पर जानबूझ कर भ्रामक सूचना देने समेत अन्य दुष्प्रचार का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया, “हमें उनके हर कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली गंभीर चिंताओं के रूप में देखना होगा।