ईरान और अमेरिका तनावः अमेरिकी विशेषज्ञ पर बैन, गोल्डबर्ग को वीजा नहीं और वित्तीय संस्थानों में खाते नहीं खोल पाएंगे
By भाषा | Published: August 3, 2020 10:51 AM2020-08-03T10:51:38+5:302020-08-03T10:51:38+5:30
गोल्डबर्ग ईरान के खिलाफ सख्त पाबंदियों के पैरोकार रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में वह बीती जनवरी तक ईरान संबंधी मुद्दों पर काम कर रहे थे।
तेहरानः ईरान ने व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व विशेषज्ञ पर रविवार को सांकेतिक प्रतिबंध लगाए। समाचार एजेंसी आईआरएनए की खबर के मुताबिक ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि रिचर्ड गोल्डबर्ग पर ‘‘इस्लामिक गणतंत्र तथा उसके नागरिकों के हितों के खिलाफ अमेरिकी आर्थिक आतंकवाद’’ में उनकी भूमिका के चलते ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।
वक्तव्य के मुताबिक इन पाबंदियों के तहत गोल्डबर्ग को ईरान का वीजा नहीं मिल सकेगा और वह ईरान के वित्तीय संस्थानों में खाते नहीं खोल पाएंगे। वह ईरान के प्रतिष्ठानों के साथ किसी भी तरह का वित्तीय लेनदेन भी नहीं कर सकेंगे। गोल्डबर्ग ईरान के खिलाफ सख्त पाबंदियों के पैरोकार रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में वह बीती जनवरी तक ईरान संबंधी मुद्दों पर काम कर रहे थे।
चाबहार बंदरगाह से ईरानी उत्पादों की पहली खेप थाईलैंड रवाना
चाबहार बंदरगाह से ईरानी उत्पादों की एक खेप पिछले सप्ताह थाईलैंड के लिए रवाना की गयी। यह पहला मौका है जब इस बंदरगाह से दक्षिण पूर्व एशियाई देश के लिए एक खेप भेजी गयी। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
रणनीतिक रूप से स्थित इस बंदरगाह को भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा विकसित किया जा रहा है ताकि तीनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा मिल सके। पाकिस्तान ने भारत को पारगमन सुविधा देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद यह बंदरगाह विकसित किया जा रहा है।
ईरानी मीडिया ने ईरान के सिस्तान और बलोचिस्तान बंदरगाह तथा समुद्री संगठन महानिदेशक बहरूज अघाई के हवाले से यह जानकारी दी। चाबहार बंदरगाह से मछलियों की खेप भारतीय बंदरगाह मुंदरा भेजी गयी। मुंदरा में इस खेप को दूसरे पोत में लादा गया। वह पोत खेप को बैंकाक बंदरगाह पहुंचाएगा। भारत ने 2017 में चाबहार बंदरगाह के रास्ते अफगानिस्तान गेहूं भेजा था।