ईरान ने भंग की 'नैतिकता पुलिस' को, अटॉर्नी जनरल ने कहा, "दशकों पुराने कानून की समीक्षा के बाद लिया गया फैसला"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 4, 2022 07:18 PM2022-12-04T19:18:06+5:302022-12-04T19:23:34+5:30

ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी ने आधिकारिक तौर पर नैतिकता पुलिस को समाप्त किये जाने की घोषणा की है। ईरान में नैतिकता पुलिस को कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने 2006 में स्थापित किया था।

Iran Disbands 'Morality Police', Attorney General Says, "Decision Taken After Reviewing Decades-Old Law" | ईरान ने भंग की 'नैतिकता पुलिस' को, अटॉर्नी जनरल ने कहा, "दशकों पुराने कानून की समीक्षा के बाद लिया गया फैसला"

ट्विटर से साभार

Highlightsईरान ने इस्लामिक परंपरा के नाम पर महिलाओं के खिलाफ बर्बर कार्रवाई करने वाली नैतिकता पुलिस को भंग कियाईरान में नैतिकता पुलिस को कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने 2006 में स्थापित किया थाइस्लामी ड्रेस कोड लागू करवाने के नाम पर यह महिलाओं को प्रताड़ित करने के लिए कुख्यात थी

तेहरान: ईरान में इस्लामिक परंपरा के नाम पर महिलाओं के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई करने वाली नैतिक पुलिस को आखिरकार ईरान की सरकार ने भंग कर दिया है। इस संबंध में रविवार को ईरान के अटॉर्नी जनरल ने मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी ने आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा देश की "नैतिकता पुलिस" को भंग कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आईएसएनए समाचार एजेंसी ने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी के हवाले से कहा, "नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है और इसे समाप्त कर दिया गया है।" हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नैतिकता पुलिस को भंग करने के बाद फिर किसी और रूप में या फिर अलग नाम से दोबारा तो स्थापित नहीं किया जाएगा। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने अटॉर्नी जनरल के हवाले से बताया कि ईरान में कोर्ट द्वारा मौत की सजा और "नैतिकता" अपराधों के लिए कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी।

समाचार एजेंसी से बात करते हुए अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी कहा कि शरिया कोर्ट निश्चिततौर पर अपना काम पुराने तरीके से जारी रखेगी और उसका नैतिकता पुलिस से कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में इंटरनेशनल रिलेशंस के सीनियर लेक्चरर कामरान मतीन ने बताया कि अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी द्वारा नैकिकता पुलिस को समाप्त किये जाने की घोषणा को बेहद सावधानी से लिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी है।

मतीन ने संदेह जताया कि ईरानी सरकार नैतिकता पुलिस को नये नाम और बदले हुए स्वरूप में फिर से ईरान की जनता पर थोप सकती है। इसलिए सरकार द्वारा जारी किये गये आदेश को विस्तृत तौर पर पढ़े बिना इस तर्क पर पहुंचना जल्दबाजी होगा। इसके साथ ही मतिन ने स्पष्ट किया कि ईरान में मृत्युदंड के ज्यादातर मामले न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह तथाकथित नैकिकता कानून लागू कराने वाले बलों द्वारा दिये जाते हैं।

क्या है ईरान की 'नैतिकता पुलिस'

ईरान में कथित इस्लामिक नैतिकता के नाम पर एक विशेष पुलिस बल का गठन किया गया था, जिसकी मुख्य जिम्मेदारी लोगों में इस्लामी ड्रेस कोड लागू करवाना और सार्वजनिक रूप इस्लामिक नियमों के तहत व्यवहार करवाने की जिम्मेदारी थी। इसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने 2006 में स्थापित किया था।

इसका मुख्य काम सड़कों पर गश्त करना और इस्लामिक कानून के अनुसार व्यवहार न करने वाली महिलाओं को हिरासत में लेने और उन्हें बल द्वारा नियमों को पालन करवाना था। नैतिकता पुलिस जोर देती थी कि ईरान में महिलाओं और लड़कियों को सार्वजनिक रूप से सिर ढककर निकलना चाहिए और ढीले-ढाले कपड़े पहनने चाहिए। इन्हीं नियमो की आड़ में नैतिकता पुलिस महिलाओं और लड़कियों के साथ बर्बर और अमानवीय बर्ताव करती थी। जिसका ईरान में व्यापक विरोध हो रहा था।

अमिनी की मौत के बाद ईरान पर बढ़ा था दबाव

बीते सितंबर महीने में 22 वर्षीय महसा अमिनी की नैतिकता पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। नैतिकता पुलिस का आरोप था कि जब अमिनी को हिरासत में लिया गया था तो उन्होंने हिजाब और हेडस्कार्फ़ नहीं पहना था। जिस कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था लेकिन हिरासत में ही अमिनी की मौत हो गई थी। जिसके कारण ईरान में महीनों तक सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए और उस वजह से तेहरान में शासन काफी दबाव में था।

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