एस जयशंकर ने यूरोपियन यूनियन के नेता की बोलती बंद की, रूस से तेल खरीदने पर उठाए थे सवाल
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 17, 2023 06:08 PM2023-05-17T18:08:06+5:302023-05-17T18:11:24+5:30
जयशंकर ने इस बात का जोरदार खंडन किया कि भारत रूस पर लगाए गए किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहा है। जयशंकर ने कहा कि दूसरे देश में निर्यात होने से पहले तेल के परिष्कृत होने पर रूसी तेल के रूप में नहीं माना जा सकता है।
नई दिल्ली: यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने भारतीय कंपनियों द्वारा रूसी कच्चे तेल को प्रोसेस कर के बेचने पर सवाल उठाए थे। जोसेप बोरेल ने कहा था कि उन भारतीय रिफाइनरीज पर कार्रवाई होनी चाहिए जो रूस से आने वाले कच्चे तेल को प्रोसेस करके यूरोप को बेच रही हैं। यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्री की प्रतिकिया आई और एस जयशंकर ने जोसेप बोरेल को नियमों की याद दिलाई।
एक साक्षात्कार के दौरान इस मामले से जुड़े सवाल पूछे जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बोरेल को ईयू काउंसिल के नियम खासतौर पर 833/2014 पढ़ना चाहिए। इसके तहत यह साफ है कि रूस से आने वाला कच्चा तेल अगर किसी तीसरे देश में प्रॉसेस से गुजरता है तो उसे रूसी तेल नहीं माना जाएगा।
बोरेल ने कहा था, 'अगर डीजल या पेट्रोल यूरोप में दाखिल हो रहा है और यह भारत से आ रहा है तो यह यह निश्चित तौर पर प्रतिबंधों का उल्लंघन है। सदस्य देशों को इस समस्या से निबटना होगा।'
अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण के दौरान ब्रसेल्स में मौजूद भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने इस बात का जोरदार खंडन किया कि भारत रूस पर लगाए गए किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहा है। जयशंकर ने कहा कि दूसरे देश में निर्यात होने से पहले तेल के परिष्कृत होने पर रूसी तेल के रूप में नहीं माना जा सकता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर ने कहा, "मुझे आपके सवाल का कोई आधार ही नजर नहीं आता। जहां तक मुझे परिषद के नियमों की जानकारी है उसके मुताबिक अगर रूस का कच्चा तेल किसी तीसरे देश में प्रोसेस करके भेजा जा रहा है तो फिर यह रूसी तेल नहीं कहा जाएगा।"
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद यूरोपियन यूनियन और अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। इसमें रूस से कच्चा तेल न खरीदना भी शामिल था। हालांकि भारत ने इस दौरान रूस से रिकार्ड मात्रा में कच्चा तेल खरीदा और उसे प्रोसेस करके यूरोप के बाजारों में बेचा।