भारतीय श्रमिकों ने बीएपीएस के खिलाफ बंधुआ मजदूरी, मानव तस्करी का लगाया आरोप

By भाषा | Published: May 12, 2021 08:54 PM2021-05-12T20:54:40+5:302021-05-12T20:54:40+5:30

Indian workers accuse BAPS of bonded labor, human trafficking | भारतीय श्रमिकों ने बीएपीएस के खिलाफ बंधुआ मजदूरी, मानव तस्करी का लगाया आरोप

भारतीय श्रमिकों ने बीएपीएस के खिलाफ बंधुआ मजदूरी, मानव तस्करी का लगाया आरोप

न्यूयॉर्क, 12 मई अमेरिका में भारतीय श्रमिकों के एक समूह ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के खिलाफ एक जिला अदालत में मुकदमा दर्ज कराके उस पर न्यूजर्सी में एक वृहद मंदिर के निर्माण के दौरान मानव तस्करी करने और न्यूनतम मजदूरी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

श्रमिकों ने आरोप लगाया कि उन्हें बंद करके रखा गया और न्यूजर्सी में स्वामीनारायण मंदिर बनाने के लिए प्रतिघंटा करीब एक डॉलर पर काम करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि अमेरिका में न्यूनतम वेतन 7.25 डॉलर प्रति घंटा तय किया गया है।

‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ (एनवाईटी) में छपी खबर में बताया गया कि मंगलवार को दर्ज कराई गई शिकायत में छह लोगों के नाम का जिक्र है जो धार्मिक ‘आर-1 वीजा’ पर 2018 से अमेरिका में लाने शुरू किए गए 200 से अधिक भारतीय नागरिकों में शामिल हैं।

खबर में बताया गया कि इन लोगों से‘‘न्यूजर्सी निर्माण स्थल पर अकसर खतरनाक परिस्थितियों में कई घंटे’’काम कराया जाता था।

‘इंडिया सिविल वाच इंटरनेशनल’ (आईसीडब्ल्यूआई) ने ‘पीटीआई’ से कहा कि 11 मई को एफबीआई (संघीय जांच ब्यूरो) की छापेमारी में करीब 200 श्रमिकों को न्यूजर्सी के रोबिन्सविले में स्वामीनारायण मंदिर के परिसर में बचाया गया, जिनमें से ‘‘अधिकतर दलित, बहुजन और आदिवासी हैं’’। यह मंदिर अमेरिका का सबसे बड़ा मंदिर बताया जाता है।

एनवाईटी ने बताया कि तीन संघीय एजेंसियां-एफबीआई, गृह सुरक्षा मंत्रालय और श्रम मंत्रालय- मंगलवार सुबह की गई कार्रवाई में शामिल थीं और ‘‘बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई श्रमिक एवं आव्रजन कानून उल्लंघनों के आरोपों से जुड़ी है’’।

आईसीडब्ल्यूआई ने बताया कि न्यूजर्सी स्थित अमेरिका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई कि बीएपीएस रोबिन्सविले एलएलसी और बीएपीएस फेलोशिप सर्विसेस ने श्रमिकों को डराया-धमकाया, उन्हें बंद करके रखा और उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया।

शिकायत में ‘‘बंधुआ मजदूरी, बंधुआ मजदूरी के लिए तस्करी, श्रमिकों के दस्तावेज अपने पास रखने, षड्यंत्र रचने और विदेशी श्रम अनुबंध में धोखाधड़ी करने के इरादे से आव्रजन दस्तावेजों को जब्त करने’’ तथा न्यूनतम वेतन का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया गया है।

बीएपीएस के मुख्य कार्याकारी कानू पटेल ने एनवाईटी से कहा, ‘‘मैं वेतन संबंधी आरोपों को पूरे सम्मान के साथ खारिज करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि वह स्थल पर दिन-प्रतिदिन के कार्यों के प्रभारी नहीं थे।

बीएपीएस के प्रवक्ता लेनिन जोशी ने भी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हम इस प्रकार की घटनाओं से पूरी तरह हिल गए हैं और हमें भरोसा है कि पूरी जानकारी सामने आने के बाद हम जवाब दे पाएंगे और यह बता पाएंगे कि ये आरोप बिना किसी आधार के लगाए गए।’’

‘दलित सॉलिडैरिटी फोरम’ के अध्यक्ष एवं आईसीडब्ल्यूआई के कार्यकारी समिति सदस्य डॉ. रोजा सुगंती सिंह ने कहा, ‘‘बंधुआ मजदूरी भारत में जाति प्रणाली का हिस्सा रही है। यह मामला दर्शाता है कि बंधुआ मजदूरी अब अमेरिका भी पहुंच गई है, जिसका शिकार दलित, बहुजन और आदिवासी हुए हैं।

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Web Title: Indian workers accuse BAPS of bonded labor, human trafficking

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