कैंब्रिज विश्वविद्यालय के 800 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय मूल की महिला बनी इस विभाग की HOD

By अनुराग आनंद | Published: October 1, 2020 01:20 PM2020-10-01T13:20:28+5:302020-10-01T14:20:04+5:30

मनाली देसाई ने कहा कि उन्होंने भारत, अमेरिका और ब्रिटेन में समान समय बिताया है। वह ब्रिटेन जाने से पहले भारत और अमेरिका में पली-बढ़ी हैं।

Indian woman Dr. Manali Desai appointed as chairman of Cambridge University Department | कैंब्रिज विश्वविद्यालय के 800 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय मूल की महिला बनी इस विभाग की HOD

डॉक्टर मनाली देसाई (फाइल फोटो)

Highlightsभारत केंद्रित कई विषयों में शोध किया है जिसमें सामाजिक आंदोलन, नस्लीय और लिंग आधारित हिंसा इत्यादि शामिल हैं।  मनाली देसाई ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी।

लंदन: ब्रिटेन स्थित कैंब्रिज विश्वविद्यालय के न्यूहैम कॉलेज में शिक्षिका डॉ मनाली देसाई, विश्वविद्यालय के आठ सौ सालों के इतिहास में समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष का पद संभालने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बन गई हैं। देसाई, तुलनात्मक तथा ऐतिहासिक समाजशास्त्र विभाग में रीडर हैं और वह न्यूहैम कालेज की फेलो हैं।

उन्होंने इसी महीने विभाग के अध्यक्ष का पद संभाला है। उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने भारत केंद्रित कई विषयों में शोध किया है जिसमें सामाजिक आंदोलन, नस्लीय और लिंग आधारित हिंसा इत्यादि शामिल हैं।  

पिछले दिनों मीडिया को दिए साक्षात्कार में डॉ मनाली देसाई ने कहा था कि समाजशास्त्र हमें अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने व समझने में सक्षम करता है। इसलिए मुझे लगता है कोरोना संक्रमण की वजह से दुनिया भर में चल रहे इस उथल-पुथल के दौर में  विभाग एक अच्छी जगह है, जहां से हम कुछ बेहतर कर सकते हैं।

इसके साथ ही मनाली ने कहा कि इस समय हम एक ऐसे संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं, जब हमारे अस्तित्व के बारे में मौलिक प्रश्न दांव पर हैं। डॉक्टर मनाली देसाई की मानें तो समाजशास्त्र ने हमेशा बड़े सवालों का सामना किया है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन, युद्ध, गरीबी और अंतर-सामाजिक असमानताएं ही क्यों न हों।

अपने बारे में बताते हुए एक साक्षात्कार में मनाली ने कहा कि वह तीन देशों में रही हैं। ऐसे में वह भारत, ब्रिटेन व अमेरिकी समाज को न सिर्फ जानती हैं। बल्कि वह इन तीनों समाज व संस्कृति के बारे में बेहतर समझती हैं।

आपको बता दें कि मनाली देसाई को विश्वाविद्यालय में अध्यापन पर उनकी प्रतिबद्धता और प्रभाव को लेकर साल 2019 में पिलकिंगटन टीचिंग प्राइज से सम्मानित किया गया है। यही नहीं मनाली उन भारतवंशी लोगों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने कैम्ब्रिज में लंबे समय तक छात्रों को पढ़ाने का काम किया है।

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Indian woman Dr. Manali Desai appointed as chairman of Cambridge University Department

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