'भारतीय वायरस चीनी और इटली से ज्‍यादा घातक', नेपाल पीएम केपी शर्मा ओली का हमला

By स्वाति सिंह | Published: May 20, 2020 02:43 PM2020-05-20T14:43:52+5:302020-05-20T14:45:12+5:30

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल से संबंधित है। उन्होंने कहा कि नेपाल राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रयासों के जरिए भारत के समक्ष इस पर अपना दावा जताएगा। नेपाल के मंत्रिमंडल ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूर किया है जिसमें इन तीनों क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया गया है।

'Indian virus more deadly than Chinese and Italy', Nepal PM's KP Sharma Oli attacked | 'भारतीय वायरस चीनी और इटली से ज्‍यादा घातक', नेपाल पीएम केपी शर्मा ओली का हमला

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल से संबंधित है।

Highlightsनेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत को वायरस करार दिया हैओली ने नेपाल में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के लिए भारत को जिम्‍मेदार बताया है।

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत को वायरस करार दिया है जो इटली और चीन के वायरस से भी ज्‍यादा खतरनाक है। उनका यह बयान तब आया है जब नेपाल ने अपने देश का नया नक्‍शा जारी किया है। इस नक्‍शे में नेपाल ने उन हिस्‍सों पर अपना हक जताया है जो भारत की सीमा में आते हैं।

साथ ही ओली ने नेपाल में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के लिए भारत को जिम्‍मेदार बताया है। उन्‍होंने कहा, 'जो लोग गैर-कानूनी तरीके से भारत से नेपाल आ रहे हैं, वो देश में वायरस को काफी तेजी से फैला रहे हैं। उनके साथ स्‍थानीय प्रतिनिधि और पार्टी के नेता भी भारत से बिना टेस्टिंग के लोगों को नेपाल में लाने के लिए जिम्‍मेदार हैं।'

ओली ने आगे कहा कि बाहर से आए लोगों के चलते कोरोना पर लगाम लगाना बेहद कठिन हो गया है। इसके बाद ओली बोले, 'भारतीय वायरस अब चीनी और इटैलियन वायरस से ज्‍यादा जानलेवा लगने लगा है। बहुत से लोग संक्रमित हो रहे हैं।'

वहीं, मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल से संबंधित है। उन्होंने कहा कि नेपाल राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रयासों के जरिए भारत के समक्ष इस पर अपना दावा जताएगा। नेपाल के मंत्रिमंडल ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूर किया है जिसमें इन तीनों क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। संसद को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि ये क्षेत्र नेपाल से संबंधित हैं लेकिन ‘‘भारत ने वहां सेना को लाकर इसके विवादित क्षेत्र बना दिया है ।’’ उन्होंने कहा , ‘‘भारत द्वारा वहां पर सेना की तैनाती के बाद नेपालियों को वहां जाने से रोका जा रहा ।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने 1962 से कालापानी में अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है और पूर्व में हमारे शासकों ने मुद्दा उठाने में संकोच किया । ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल सरकार राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों के जरिए क्षेत्र पर दावा करेगी । 

ओली ने उम्मीद जतायी कि भारत ‘‘अशोक चक्र में वर्णित सत्यमेव जयते द्वारा दिखाए गए सच के राह का अनुसरण करेगा ।’’ प्रधानमंत्री की टिप्पणी के एक दिन पहले उनकी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूर किया जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है । विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा है कि भूमि प्रबंधन मंत्रालय द्वारा जल्द ही नेपाल के आधिकारिक मानचित्र को सार्वजनिक किया जाएगा । 

इस घोषणा से कुछ हफ्ते पहले उन्होंने कहा था कि कूटनीतिक पहलों के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं। नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने भी लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को लौटाने की मांग के संबंध में संसद में एक विशेष प्रस्ताव पेश किया है। लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है। भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं। भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है और नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा मानता है। 

Web Title: 'Indian virus more deadly than Chinese and Italy', Nepal PM's KP Sharma Oli attacked

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