विदेश नीति: भारत किर्गिस्तान को विकास परियोजनाओं के लिए देगा 200 मिलियन डॉलर का ऋण
By रुस्तम राणा | Published: October 11, 2021 03:10 PM2021-10-11T15:10:43+5:302021-10-11T15:25:53+5:30
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के बीच बिश्केक में हुई 'सौहार्दपूर्ण एवं रचनात्मक वार्ता' में भारत इस मध्य एशियायाई देश को 20 करोड़ डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देने के लिए सहमत हुआ है।
भारत किर्गिस्तान को विकास परियोजनाओं के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण (लाइन ऑफ क्रेडिट) देगा। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के बीच बिश्केक में हुई 'सौहार्दपूर्ण एवं रचनात्मक वार्ता' में भारत इस मध्य एशियायाई देश को 20 करोड़ डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देने के लिए सहमत हुआ है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीटर में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘‘किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के साथ सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक वार्ता हुई। विकास परियोजनाओं में मदद करने के लिए 20 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा पर सहमति जताई। इसके अलावा अत्यधिक प्रभाव वाली सामुदायिक परियोजनाओं को लेकर आपसी सहमति बनी।’’
इसके अलावा इस वार्ता में दोनों देशों के बीच स्टूडेंट वीजा पॉलिसी को अधिक उदार बनाने रक्षा समझौते पर भी चर्चा हुई। भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि, हमने भारतीय छात्रों की शीघ्र यात्रा और वीजा व्यवस्था में अधिक उदारता अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। हमने हमारे रक्षा सहयोग की सकारात्मक समीक्षा की।’’
EAM S Jaishankar holds "cordial & constructive talks" with his Kyrgyz counterpart Ruslan Kazakbaev in Bishkek
— ANI (@ANI) October 11, 2021
"Agreed on USD 200 million LoC to support development projects. Also concluded an understanding on executing high impact community projects," the EAM tweets pic.twitter.com/nR9okLMStG
वहीं इस बैठक के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच अफगानिस्तान में बदलते हालात पर भी चर्चा हुई। इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्री ने ट्वीट में लिखा, ‘‘अफगानिस्ताव में हालिया घटनाक्रम को लेकर भारत और किर्गिस्तान का साझा दृष्टिकोण है।’’
विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री के रूप में एस जयंशकर का किर्गिस्तान का यह पहला दौरा है। ं वे 12-13 अक्तूबर को आर्मेनिया का दौरा करेंगे। यह भारत के किसी विदेश मंत्री की स्वतंत्र आर्मेनिया की पहली यात्रा होगी। इस दौरान वह अपने अर्मेनियाई समकक्ष के साथ बैठक करेंगे और साथ ही प्रधानमंत्री एवं आर्मेनिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे।