China-India border tension: चीन ने कहा-भारतीय सीमा पर हालात ‘कुल मिलाकर स्थिर और नियंत्रण में हैं’, जानिए मामला
By भाषा | Published: May 27, 2020 02:47 PM2020-05-27T14:47:00+5:302020-05-27T15:42:59+5:30
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है। इस बीच चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि सेना तैयार रहे। भारतीय जवान भी सीमा पर बढ़ा दिए गए हैं। लद्दाख और सिक्किम को लेकर दोनों देश में कई दिन से गतिरोध जारी है।
बीजिंगः चीन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात ‘‘पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं’’ तथा दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये टिप्पणियां कीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सख्ती से पालन करते रहे हैं।’’
वह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अनौपचारिक बैठकों के बाद उनके उन निर्देशों का जिक्र कर रहे थे जिनमें उन्होंने दोनों देशों की सेनाओं को परस्पर विश्वास पैदा करने के वास्ते और कदम उठाने के लिए कहा था। विदेश मंत्रालय के बयान से एक दिन पहले राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता के साथ देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा। झाओ ने कहा, ‘‘हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुत्ता और सुरक्षा की रक्षा तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब चीन-भारत सीमा इलाके में हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण योग्य हैं।’’
उन्होंने सीमा पर तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाने की खबरों की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘दोनों देशों के पास सीमा से संबंधित अच्छा तंत्र और संचार माध्यम हैं। हम बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि बातचीत कहां हो रही है, इस पर झाओ ने कहा कि दोनों देशों ने सीमा संबंधित तंत्र और कूटनीतिक माध्यम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें सीमा बलों और हमारे राजनयिक मिशनों के बीच बातचीत शामिल है।’’
करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है। हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है। यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग, तनातनी की घटनाओं के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्पष्ट संकेत देता है।
भारत ने कहा है कि चीनी सेना लद्दाख और सिक्किम में एलएसी पर उसकी सेनाओं की सामान्य गश्त में बाधा डाल रही है और उसने बीजिंग के उस दावे का कड़ा खंडन किया कि दोनों सेनाओं के बीच तनाव भारतीय सेना के चीनी सीमा की ओर घुसपैठ करने से बढ़ा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सभी गतिविधियां सीमा पर उसकी तरफ हैं। उसने कहा कि भारत सीमा प्रबंधन पर हमेशा बहुत जिम्मेदाराना रुख अपनाता है। साथ ही उसने कहा कि भारत अपनी संप्रभुत्ता तथा सुरक्षा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
चीन का सर्वेक्षण दल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने पहुंचा
चीन का एक सर्वेक्षण दल विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत एवरेस्ट की ऊंचाई फिर से नापने के लिए तिब्बत के रास्ते बुधवार को वहां पहुंच गया। सरकारी मीडिया ने बताया कि चीन की माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8844.43 मीटर है जो नेपाल की गणना से चार मीटर कम है। चीन ने एक मई से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई को मापने के लिए एक नया सर्वेक्षण शुरू किया।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को ले कर चीन नेपाल की माप से संतुष्ट नहीं है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई को दोबारा मापने के लिए चीन को अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रकृति के संबंध में इंसान की समझ को बढ़ाएगा और वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं ने माउंट एवरेस्ट पर स्केल माप और वैज्ञानिक अनुसंधान के छह चक्र पूरे किए और 1975 और 2005 में दो बार चोटी की ऊंचाई क्रमशः 8,848.13 मीटर और 8,844.43 मीटर बताई। नेपाल ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर मार्च में माउंट एवरेस्ट सहित हिमालय की अपनी सभी चोटियों को बंद कर दिया था। चीन की कंपनी हुवावेई माउंट एवरेस्ट पर दो 5जी स्टेशन बनाने के लिए चाइना मोबाइल के साथ मिल कर काम कर रही है।