इस्लाम में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हराम, बनाना या उनका संग्रह दोनों गलत हैंः खामनेई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 10, 2019 08:37 PM2019-10-10T20:37:38+5:302019-10-10T20:37:38+5:30
खामनेई ने कहा, "हम इस राह पर चल सकते हैं लेकिन इस्लामिक सिद्धांतों के अनुसार हम पूरी दृढ़ता और बहादुरी से कहते हैं कि हम इस रास्ते पर नहीं चलेंगे।"
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को कहा कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के लिये कदम उठा सकता है लेकिन वो ऐसा नहीं करेगा क्योंकि उनका इस्तेमाल इस्लाम के मुताबिक "हराम" है।
खामनेई ने कहा, "हम इस राह पर चल सकते हैं लेकिन इस्लामिक सिद्धांतों के अनुसार हम पूरी दृढ़ता और बहादुरी से कहते हैं कि हम इस रास्ते पर नहीं चलेंगे।" खामनेई के कार्यालय के ट्विटर अकाउंट पर साझा वीडियो में वह अकादमिक विद्वानों से कह रहे हैं कि, "उन्हें बनाना या उनका संग्रह दोनों गलत हैं, क्योंकि उनका इस्तेमाल हराम है।"
उन्होंने कहा, "अगर हमारे पास परमाणु हथियार होते तो जाहिर है कि हमारे लिये कहीं भी इनका इस्तेमाल करना नामुमकिन होता। इस्लामिक सिद्धांतों के अनुसार यह निश्चित रूप से हराम है।" ईरान हमेशा से इस बात से इनकार करता रहा है कि वह परमाणु बम बनाना चाहता है।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण तरीके से ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सकीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिये है। पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकतरफा तरीके से अमेरिका को ईरान के साथ 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से बाहर निकाल लिया था, जिसके तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम में कटौती के बदले प्रतिबंधों में छूट मिली हुई थी।