इमरान खान ने शहबाज शरीफ सरकार की धमकी के बावजूद मीनार-ए-पाकिस्तान में की रैली
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 26, 2023 09:37 AM2023-03-26T09:37:30+5:302023-03-26T09:40:27+5:30
लाहौर में शरीफ सरकार ने इमरान की रैली को रोकने के लिए भरसक प्रयास किया लेकिन तमाम बाधाओं के बावजूद इमरान खान मीनार-ए-पाकिस्तान से आवाम को संबोधित करने में कामयाब रहे।

इमरान खान ने शहबाज शरीफ सरकार की धमकी के बावजूद मीनार-ए-पाकिस्तान में की रैली
लाहौर: शहबाज शरीफ सरकार की सख्ती के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया इमरान खान ने शनिवार की रात में लाहौर की मीनार-ए-पाकिस्तान पर पार्टी की रैली करने में सफल रहे। शरीफ सरकार ने इमरान की रैली को रोकने के लिए लाहौर को मुल्क के अन्य हिस्सों से काट दिया था, लाहौर की सीमा पर और मीनार-ए-पाकिस्तान के आसपास भारी सुरक्षा तैनाती के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मीनार-ए-पाकिस्तान से आवाम को संबोधित करने में कामयाब रहे।
पाक सेना की समर्थन वाली मौजूदा पीएमएल-नवाज सरकार ने इमरान खान की रैली को रोकने का भरपूर प्रयास किया था और दबाव' बनाने के लिए उनकी रैली कवरेज को ब्लैक आउट कर दिया था, लेकिन तमाम बंदिशों के बीच इमरान खान अपने तयशुदा आयोजन में सफल रहे। इमरान खान ने जान के खतरे को देखते हुए बुलेट प्रूफ शीशे के पीछे से रैली को संबोधित किया और इस मौके पर न आदमी बल्कि भारी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं।
लाहौर पुलिस इमरान खान की रैली को रोकने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान की ओर जाने वाली लगभग सभी सड़कों को बैरिकेड्स से बंद कर दिया था और रैली स्थल सहित लाहौर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं भी रोक दी थी, बावजूद इन अड़चनों के लोग पैदल लंबी दूरी तय करके इमरान की रैली में पहुंचे।
इमरान ने रैली से पहले पार्टी के 2 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर मौजूदा नवाज सरकार पर बरसते हुए कहा, “आज की रैली से एक बात स्पष्ट हो गई है कि सत्ता में बैठे लोगों को एक संदेश मिल गया है कि वो लाख मुश्किलें खड़ी कर लें लेकिन वो लोगों के जुनून पर लगाम नहीं लगा सकते हैं।"
शहबाज शरीफ और मरियम नवाज को कोसते हुए उन्होंने कहा, "जिस तरह से आज पाकिस्तान में शक्तिशाली हलकों का व्यवहार हो रहा है, ऐसा लगता है कि इमरान खान देश की एकमात्र समस्या है।"
इमरान खान ने अपने भाषण में न केवल सरकार की आलोचना की बल्कि मुल्क को आर्थिक बदहाली से निकालने का भी रोडमैप पेश किया। उन्होंने कहा कि देश को अपने कर संग्रह और निर्यात में सुधार के लिए कठिन फैसले लेने होंगे।
उन्होंने कहा, "अपने मुल्क को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है। प्रवासी पाकिस्तानी अपना डॉलर मुल्क में लगाने को तैयार हैं बशर्ते उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। तरक्की पाने के लिए टैक्स का कलेक्शन बढ़ाना होगा। युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन देने की जरूरत है।"
रैली में जनता को संबोधित करते हुए इमरान खान ने सेना पर हमला करते हुए कहा कि पिछले साल अप्रैल में उनकी सरकार गिराई गई और उसके बाद मुल्क को उन चोरों के गिरोह को सौंप दिया गया, जो हमें खोखला कर रहे हैं।
70 साल के इमरान खान दुनिया से कर्ज मांगने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आलोचना की और साथ में सेना के पूर्व जनरल का हवाला देते हुए कहा, "पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि वह शहबाज को 40 मिनट तक डांटते थे और वह कोई प्रतिक्रिया दिये बिना उन्हें सुनते थे। ऐसा तब होता है जब आप (शहबाज) पिछले दरवाजे से सत्ता में आते हैं।"
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार वही महसूस किया जो फिलिस्तीन के लोग महसूस करते हैं।
इमरान खान ने कहा, “पुलिस ने मेरे घर पर हमला किया क्योंकि वे मुझे झूठे मामलों में गिरफ्तार करना चाहती थी। पुलिस के साथ झड़प के दौरान लोगों ने मेरा साथ दिया क्योंकि वे जानते थे कि मैं सही हूं। उन्होंने मुझ पर आतंकवाद के 40 मामले दर्ज किए हैं। क्या मुल्क उनका यकीन करेगा कि इमरान खान आतंकवादी हैं?”