FATF की अहम बैठक आजः पाकिस्तान को इन तीन देशों का साथ, क्या ब्लैकलिस्ट होने से बच पाएगा?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 18, 2019 09:32 AM2019-10-18T09:32:03+5:302019-10-18T09:33:45+5:30
एफएटीएफ 18 अक्टूबर को पाकिस्तान पर अपने फैसले को अंतिम रूप देगा। पाकिस्तान को भरोसा है कि चीन की मदद से वो ब्लैकलिस्ट होने से बच जाएगा।
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकी वित्तपोषण की निगरानी संस्था एफएटीएफ द्वारा कड़ी कार्रवाई के कगार पर है और उसे ‘डार्क ग्रे’ सूची में डाला जा सकता है, जो सुधरने की अंतिम चेतावनी है। हालांकि पाकिस्तान को भरोसा है कि वो चीन की मदद से FATF की ब्लैकलिस्टिंग से बच पाएगा।
पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह साबित करना है कि आतंकी फंडिंग रोकने के लिए उसने जो कदम उठाए हैं वो कारगर रहे हैं। किसी भी देश को ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए तीन वोट जरूरी होते हैं। पाकिस्तान को चीन, तुर्की और मलेशिया का सहारा है।
पाकिस्तान के वित्त प्रमुख अब्दुल हफीज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि इंशाल्लाह हम इस ग्रे लिस्ट से जल्दी बाहर आ जाएंगे। हमने इस दिशा में कदम उठाए हैं। संकेतों के अनुसार आर्थिक कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की यहां चल रही बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो उसे सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के अपर्याप्त प्रदर्शन को देखते हुए वह एफएटीएफ द्वारा कड़ी कार्रवाई के कगार पर है और वह 27 में से केवल छह बिंदुओं को पारित करने में कामयाब रहा। एफएटीएफ 18 अक्टूबर को पाकिस्तान पर अपने फैसले को अंतिम रूप देगा। एफएटीएफ के नियमों के अनुसार 'ग्रे' और 'ब्लैक' सूचियों के बीच एक अनिवार्य चरण है, जिसे 'डार्क ग्रे' कहा जाता है।
'डार्क ग्रे' का अर्थ है सख्त चेतावनी ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके। एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसे धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर