श्रीलंका में कोविड-19 से मरने वालों के शवों को जलाने के निर्णय में बदलाव का क्रियान्वयन तत्काल संभव नहीं
By भाषा | Published: February 27, 2021 09:29 PM2021-02-27T21:29:24+5:302021-02-27T21:29:24+5:30
कोलंबो, 27 फरवरी श्रीलंका में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का अनिवार्य रूप से दाह संस्कार करने के नियम में छूट देने और मृतकों को दफन करने के निर्णय का क्रियान्वयन होने में कुछ समय लगेगा क्योंकि अभी तक इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बीच, श्रीलंका सरकार ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शव को अनिवार्य रूप से जलाने के आदेश में बदलाव किया है।
इस आदेश से मुस्लिमों समेत अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा था।
पिछले साल अप्रैल में जारी एक राजपत्रित अधिसूचना में सरकार ने बृहस्पतिवार को बदलाव किया।
नई अधिसूचना के अनुसार दाह संस्कार और दफनाना दोनों किया जा सकता है।
गत 10 महीने तक देश के मुस्लिम और ईसाई अल्पसंख्यकों तथा अंतरराष्ट्रीय समूहों ने अनिवार्य रूप से दाह संस्कार की नीति का अंत करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया।
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी असेला गुणावर्देना ने कहा, “इसमें कुछ समय लगेगा क्योंकि कई पक्षों पर दिशा निर्देश तय करना और जारी होना बाकी है।”
श्रीलंका की सरकार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोविड-19 से मरने वालों के शवों को दफनाने की बजाय उनका दाह संस्कार करना अनिवार्य कर दिया था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।