IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने से पहले रखी बड़ी शर्त, चीन को लेकर लिखित में मांगी गारंटी

By विकास कुमार | Published: April 16, 2019 11:54 AM2019-04-16T11:54:16+5:302019-04-16T11:54:16+5:30

सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान के ऊपर हर साल चीन का 3 बिलियन डॉलर कर्ज का चढ़ जायेगा जो अगले 30 साल में इन तमाम प्रोजेक्ट्स को पूरा करते-करते 90 बिलियन डॉलर का हो जायेगा.

IMF asked pakistan to any plan for pay chinese loan from IMF bailout package | IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने से पहले रखी बड़ी शर्त, चीन को लेकर लिखित में मांगी गारंटी

image source- The National

Highlightsपाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर की है और पाकिस्तान के ऊपर विदेशी कर्ज 95 अरब डॉलर को पार कर चुकी है.2030 तक पाकिस्तान के ऊपर चीन का 40 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जायेगा.सीपीईसी में अस्सी फीसदी पैसा चीन का लगा है जिसमें 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट पूरे भी हो चुके हैं.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दम तोड़ने के क़गार पर खड़ी है. सऊदी अरब, यूएई और चीन से कर्ज प्राप्त करने के बाद इमरान खान ने IMF का दरवाजा खटखटाया था. पाकिस्तान 13 वीं बार IMF के पास अपनी अर्थव्यवस्था को उबारने का गुहार लेकर गया है. लेकिन इस बार स्थितियां अनुकूल नहीं दिख रही हैं. 

आईएमएफ ने इस बार पाकिस्तान से लिखित गारंटी मांगी है कि बेलआउट पैकेज मिलने के बाद वो इस पैसे का इस्तेमाल चीनी कर्ज को चुकाने में नहीं करेगा. 

CPEC से बदहाल पाकिस्तान 

चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर के तहत चीन पाकिस्तान में 62 अरब डॉलर की राशि निवेश कर रहा है जिससे पाकिस्तान के ऊपर चीन का कर्ज अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक पाकिस्तान के ऊपर चीन का 40 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जायेगा, जिसे चुकाना पाकिस्तान के वश में नहीं होगा. 

सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान के ऊपर हर साल चीन का 3 बिलियन डॉलर कर्ज का चढ़ जायेगा जो अगले 30 साल में इन तमाम प्रोजेक्ट्स को पूरा करते-करते 90 बिलियन डॉलर का हो जायेगा.

IMF ने बढ़ाई चिंता 

पाकिस्तान ने आईएमएफ से 12 बिलियन डॉलर (84,000 करोड़) का कर्ज मांगा था लेकिन अमेरिका ने आईएमएफ को कर्ज देने से पहले चीनी कर्ज को लेकर जानकारी लेने का आदेश दिया था. अमेरिका की चेतावनी के बाद आईएमएफ ने पाकिस्तान को लेकर यह कदम उठाया है. 

चीन हमेशा कर्ज सम्बन्धी जानकारियों को साझा करने को लेकर विरोध जताता रहा है. अमेरिका आईएमएफ का सबसे बड़ा अंशदाता है और आईएमएफ में कूल 18% वोट हैं. पाकिस्तान के सहयोगी चीन का कुल वोट 6.49 है. पाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर की है और पाकिस्तान के ऊपर कुल विदेशी कर्ज 95 अरब डॉलर को पार कर चुकी है.

सीपीईसी के रास्ते आर्थिक घेरेबंदी 

चीन का प्रभुत्व जिस तरह से पाकिस्तान में बढ़ रहा है उसने दुनिया के बाकि देशों को चकित कर दिया है. सीपीईसी में अस्सी फीसदी पैसा चीन का लगा है जिसमें 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट पूरे भी हो चुके हैं. पाकिस्तान चीन के कर्ज में बुरी तरह फंस चूका है जिसका खामियाजा देश को आने वाले दिनों में भुगतना पड़ सकता है.

सीपीईसी प्रोजेक्ट्स के तहत जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाली निर्माण सामग्री और मशीनें चीन से ही आयात की जा रही हैं, जिसके कारण पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होता जा रहा है. यहीं नहीं पाकिस्तान चीन में अपने मजदूरों और लोगों के लिए ग्वादर शहर में एक कॉलोनी का निर्माण कर रहा है जहां केवल चीनी नागरिक ही रहेंगे.

Web Title: IMF asked pakistan to any plan for pay chinese loan from IMF bailout package

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