डोनाल्ड ट्रंप ने की 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' मिलने पर PM मोदी की तारीफ, कहा- आपका शुक्रिया, हम इसे याद रखेंगे
By रामदीप मिश्रा | Published: April 9, 2020 07:05 AM2020-04-09T07:05:05+5:302020-04-09T07:21:51+5:30
कोविड-19 के उपचार में 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों पर गहन बहस के बीच, ट्रम्प लगातार इस दवा को कोविड-19 के इलाज के एक विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि इस घातक वायरस के लिए अभी तक कोई सार्थक उपचार सामने नहीं आया है।
मलेरिया के इलाज में उपयोग होने वाली 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवा के भारत से निर्यात होने की हरी झंडी मिल जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है और भारतीयों का धन्यवाद किया है। बता दें, ट्रंप ने 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' लगे बैन न हटाने को लेकर खुलेआम भारत को धमकी दी थी कि अगर वह बैन नहीं हटाएगा तो प्रतिक्रिया भुगतने के लिए तैयार रहे।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' के निर्यात पर बैन हटने के बाद कहा, 'असाधारण समय में भी दोस्तों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता होती है। Hydroxychloroquine पर निर्णय लेने के लिए भारत और भारतीय लोगों को धन्यवाद। इसे भुलाया नहीं जा सकेगा! आपके मजबूत नेतृत्व में इस लड़ाई में न केवल भारत, बल्कि मानवता की मदद करने में पीएम मोदी आपका शुक्रिया!'
उन्होंने आगे कहा, 'हमने जो अनुरोध किया था उसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। हम इसे याद रखेंगे।' बता दें, भारत मलेरिया के इलाज में उपयोग होने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा विनिर्माता है। इस दवा को अब कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में पासा पलटने वाला माना जा रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसी दवा की आक्रमक तरीके से मांग कर रहे हैं। यहां तक की उन्होंने भारत को धमकी तक दे डाली थी। ट्रंप की इस दवा की मांग के बाद भारत इसके निर्यात पर पाबंदी हटाने को सहमत हो गया।
I want to thank Prime Minister Modi for allowing us to have what we requested...He was terrific, we will remember it: US President Donald Trump https://t.co/bMxrkYlnGCpic.twitter.com/bhyF6HUism
— ANI (@ANI) April 9, 2020
कोविड-19 के उपचार में 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों पर गहन बहस के बीच, ट्रम्प लगातार इस दवा को कोविड-19 के इलाज के एक विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि इस घातक वायरस के लिए अभी तक कोई सार्थक उपचार सामने नहीं आया है। यह वायरस अब तक 12,800 से अधिक अमेरिकियों की जान ले चुका है। अमेरिका में मंगलवार को केवल एक ही दिन में 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। मिशिगन राज्य की प्रतिनिधि कैरेन व्हिटसेट ने कहा कि वह और उनके पति हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेना शुरू करने के बाद ही अपने जीवन को कोरोना वायरस से बचा सके।
भारत ने इससे पहले, कोरोना वायरस महामारी के बीच इस दवा समेत दो दर्जन से अधिक रसायनों के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई थी। निर्यात पर पाबंदी हटाने से पहले अधिकारियों ने इस बात का आकलन किया कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए देश को इस दवा की कितनी जरूरत है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, 'भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता एवं सहयोग दिखाना चाहिए। इसी नजरिए से हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके देश पहुंचाया है। वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनजर, यह तय किया गया है कि भारत अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पेरासिटामोल और एचसीक्यू (हाइड्रोक्लोरोक्वीन) को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएगा जिनकी निर्भरता भारत पर है।