बोत्सवाना में दो महीनों में 350 से अधिक हाथियों की मौत, रहस्य से अब भी नहीं उठ सका है पर्दा
By विनीत कुमार | Published: July 2, 2020 08:51 AM2020-07-02T08:51:37+5:302020-07-02T15:27:05+5:30
बोत्सवाना में पिछले दो महीनों में 350 से अधिक हाथियों की मौत की बात सामने आई है। हालांकि, इसका ठोस कारण क्या है, इसे लेकर अब भी कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
अफ्रीकी देश बोत्सवाना में पिछले दो महीनों में सैकड़ों हाथियों की मौत एक बड़ा रहस्य बनकर रह गया है। दरअसल, यहां मई की शुरुआत से अब तक इस देश के ओकावांगो डेल्टा में 350 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है। हैरानी की बात ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है, इस संबंध में भी अभी तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आ सकता है।
स्थानीय सरकार के अनुसार हाथियों की मौत के कारण के बार में जानकारी हासिल करने के लिए टेस्ट कराए गए हैं लेकिन इनका रिजल्ट आने में अभी कुछ हफ्तों का समय लग सकता है। बता दें कि अफ्रीका में घटती हाथियों की आबादी का एक तिहाई हिस्सा बोत्सवाना में मौजूद है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन स्थित नेशनल पार्क रेस्क्यू के डॉ. नियाल मैकेन ने बताया है कि वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोगों ने बोत्सवाना की सरकार को मई की शुरुआत में ही इस संबंध में अलर्ट कर दिया था।
डॉ. मैकेन के अनुसार डेल्टा के ऊपर से उड़ान भरते हुए इन लोगों ने तीन घंटे में 169 हाथियों के शव देखे। वहीं, एक महीने बाद और जांच में इस संख्या में वृद्धि दर्ज की गई और अब ये 350 से ऊपर हो चुकी है। डॉ. मैकेन ने कहा, 'जिस संख्या में हाथियों की मौत हुई है, वो हैरान करने वाली बात है। इसे सूखे से भी जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।'
डॉ. मैकेन के अनुसार केवल हाथियों की मौत हो रही है। वे कहते हैं कि ये अगर अवैध शिकार का मामला होता तो दूसरे जानवर भी मारे जाते। उन्होंने एंथ्रेक्स के कारण मौत की आशंका को भी खारिज किया जिससे पिछले साल बोत्सवाना में इस वजह से कम से कम 100 हाथियों की मौत हुई थी।
डॉ. मैकेन हालांकि किसी विषा वाले पदार्थ या फिर बीमारी के कारण मौत की आशंका को दरकिनार नहीं कर रहे हैं। दरअसल, कई हाथियों के शव मुंह के बल गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं। इसलिए भी आशंका बनी हुई है। साथ ही कुछ हाथियों को गोल-गोल घूमते देखा गया है और इसलिए भी ये आशंका है कि कुछ ऐसा है जो उनके तंत्रिका प्राणाली पर हमला कर रहा है।
हालांकि, लैब के नतीजों के बगैर कुछ भी प्रमाणिक तौर पर नहीं कहा जा सकता है। ऐसा भी माना जा रहा है कि कोई ऐसी बीमारी होगी जो इंसानों से जानवरों में आ गई हो। साथ ही संभव है कि बीमारी का स्रोज पानी या फिर मिट्टी में हो। डॉ. मैकेन कोविड-19 महामारी की ओर भी इशारा करते हैं जो संभवत: जानवरों में शुरू हो गया हो। डॉ. मैकेन ने कहा कि वे उम्मीज जता रहे हैं कि जल्द ही टेस्ट के नतीजे आ जाएंगे और इसके बाद ही कुछ भी ठोस तौर पर कहा जा सकेगा।