स्विटजरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब और बुर्के से चेहरा ढंकने पर पाबंदी, जनमत कराकर लिया गया फैसला

By अनुराग आनंद | Published: March 8, 2021 08:07 AM2021-03-08T08:07:24+5:302021-03-08T08:13:40+5:30

एक यूनिवर्सिटी के रिसर्च के मुताबिक, स्विट्जरलैंड में लगभग 30 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जो नकाब पहनती हैं। सरकार के इस फैसले से इन महिलाओं में नाराजगी है।

Hijab and burqa banning face covering in public places in Switzerland, know in which cases will be exempted | स्विटजरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब और बुर्के से चेहरा ढंकने पर पाबंदी, जनमत कराकर लिया गया फैसला

स्विटजरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के पर पाबंदी (फाइल फोटो)

Highlights स्विट्जरलैंड की 8.6 मिलियन आबादी में 5 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है जिसमें से ज्यादातर तुर्की, बोस्निया और कोसोवो से हैं। एक प्रमुख स्विस इस्लामिक समूह ने कहा कि मुसलमानों के लिए यह एक 'काला दिन' था।

बर्लिन: स्विटजरलैंड के लोगों ने देश में कुछ मुस्लिम महिलाओं के हिजाब और बुर्के से चेहरा ढंकने तथा प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले नकाबों पर पाबंदी लागने के प्रस्ताव को रविवार को कुछ छूटों के साथ मंजूरी दे दी।

इस प्रस्ताव के एक मतदान के दौरान मंजूर होने के बाद रेस्त्रां, खेल के मैदानों, सार्वजनिक परिवहन साधनों या सड़कों पर चलते समय चेहरा ढंकने पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि, धार्मिक स्थलों पर जाते समय चेहरा ढंकने और स्वास्थ्य कारणों, जैसे कि कोविड-19 से बचाव के दौरान मास्क पहनने की छूट रहेगी। 

जनमत संग्रह में भी लोगों ने बुर्का या नकाब पहनने के रोक का किया समर्थन-

बीबीसी के मुताबिक, स्विट्जरलैंड में लोगों ने सार्वजनिक तौर पर चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध का समर्थन किया है। इसमें मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला बुर्का या नकाब भी शामिल है। सार्वजनिक तौर पर चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध को लेकर स्विट्जरलैंड में रविवार को जनमत संग्रह कराया गया। जिसमें लोगों ने सार्वजनिक तौर पर चेहरा ढंकने को प्रतिबंधित करने के पक्ष में वोट किया।

स्विट्जरलैंड में करीब 52 फीसदी लोगों ने जहां प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट किया-

स्विट्जरलैंड में करीब 52 फीसदी लोगों ने जहां प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट किया वहीं 48 फीसदी ने प्रतिबंध ना लगाने के लिए मतदान किया। दक्षिण पंथी स्विस पीपल्स पार्टी ने रविवार को हुए मतदान के दौरान "अतिवाद बंद करो" जैसे नारे भी लगाए। वहीं एक प्रमुख स्विस इस्लामिक समूह ने कहा कि मुसलमानों के लिए यह एक 'काला दिन' था।

2009 में भी इस मामले को लेकर जनमत कराया गया था-

जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इस्लामिक मान्यता से जुड़े किसी मुद्दे पर जनमत संग्रह कराया गया है। साल 2009 में भी नागरिकों ने सरकारी सलाह के खिलाफ जाकर मीनारों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किया था।

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Hijab and burqa banning face covering in public places in Switzerland, know in which cases will be exempted

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