न कोई धमाका, न कोई आवाज! किस सीक्रेट हथियार से अमेरिका ने मोस्ट वांटेड आतंकी अल जवाहिरी को मार गिराया, जानिए

By मेघना सचदेवा | Published: August 2, 2022 03:05 PM2022-08-02T15:05:55+5:302022-08-02T15:21:40+5:30

सोमवार को जो बाइडन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका ने काबुल में एक ड्रोन हमले में अल कायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया है। अल जवाहिरी दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था और 2001 में 11 सितंबर के हमलों के मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता था।

Hellfire missile was the secret weapon used by America to kill Al-qaeda head, know how it works | न कोई धमाका, न कोई आवाज! किस सीक्रेट हथियार से अमेरिका ने मोस्ट वांटेड आतंकी अल जवाहिरी को मार गिराया, जानिए

न कोई धमाका, न कोई आवाज! किस सीक्रेट हथियार से अमेरिका ने मोस्ट वांटेड आतंकी अल जवाहिरी को मार गिराया, जानिए

Highlightsअल जवाहिरी 2001 में 11 सितंबर के हमलों के मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता था। अलकायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल खैर अल मसरी को भी इसी मिसाइल से मार गिराया गया था। हेलफायर मिसाइलों को तैयार करने का मकसद ही ये है कि इससे टारगेट को ही खत्म किया जा सके और आम जनता को नुकसान न पंहुचे।  

71 साल के अलकायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी को आखिरकार अमेरिका ने मौत के घाट उतार दिया। दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक अल जवाहिरी को यूएस ने ड्रोन मिशन से मार गिराया। ऐसा कहा जा रहा है कि दो हेलफायर मिसाइलों से अलकायदा चीफ  को निशाना बनाया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार जिस वक्त अल जवाहिरी पर ये हमला किया गया तब उसके परिवार वाले भी उसके काबुल वाले घर में मौजूद थे लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। मिसाइलों से हमले के बाद भी आखिर बड़ा धमाका क्यों नहीं हुआ, क्या है हेलफायर मिसाइल, कैसे ये दुश्मन को निशाने पर लेती है, जानिए सब कुछ 

सिक्रेट मिशन के तहत अल कायदा चीफ को मार गिराया

जो बाइडन ने सोमवार बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका ने काबुल में एक ड्रोन हमले में अल कायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया है। अल जवाहिरी दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था और 2001 में 11 सितंबर के हमलों के मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता था।

बताया जा रहा है कि रविवार को जवाहिरी काबुल में एक घर की बालकनी में खड़ा था। 31 जुलाई को सूरज उगने के करीब एक घंटे बाद दो हेलफायर मिसाइलों से उसे निशाना बनाया गया था। जानकारी के मुताबिक उसे मारने के लिए अफगानिस्तान में कोई अमेरिकी शख्स या सेना मौजूद नहीं थी। मिसाइलों से हमले के दौरान कोई धमाका भी नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार यूएस ने इस सिक्रेट मिशन के लिए R9X हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया है। 

R9X हेलफायर मिसाइल क्या है ?

ये मिसाइल 6 धारदार ब्लेड से लैस रहती है। इसे निंजा मिसाइल भी कहा जाता है। कहा जा रहा है कि यूएस के लिए ये दुश्मनों को मारने का एक अहम हथियार बन गया है और पिछले कई सालों से यूएस की तरफ से इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि इससे आकस्मिक नुकसान होने का खतरा काफी कम हो जाता है। ये सिर्फ टारगेट को मारने में मदद करता है। जानकारी के मुताबिक 2017 से इस मिसाइल का इस्तेमाल अफगानिस्‍तान और इराक में कुछ ही हमलों के लिए किया गया है।

2011 में किया गया था डेवलप

कुछ रिपोर्टस की मानें तो हेलफायर मिसाइलों के वैरिएंट्स का वजन लगभग 45 किलोग्राम होता है। ये 5 फीट लंबी होती है। यूएस में इसे फलाइंग गिंसू भी के नाम से भी जाना जाता है। हेलफायर मिसाइलों को तैयार करने का मकसद ही ये है कि इससे टारगेट को ही खत्म किया जा सके और आम जनता को नुकसान न पंहुचे।  ये हथियार पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में साल 2011 में डेवलप किया गया था।

हेलफायर मिसाइल बनाने का मकसद क्या था ?

वॉल स्‍ट्रीट जनरल में इस बात का जिक्र किया गया है कि अक्सर आतंकवादी अपने आप को मासूम बच्चों और महिलाओं के बीच छिपा लेते हैं। भीड़ में उन्हें मारने का जोखिम उठाने से मासूमों की जान भी चली जाती है। ऐसे में ये मिसाइल काम आती है। ऐसी ही एक मिसाइल ओसामा बिन लादेन को टारगेट करने के लिए भी प्लान बी के तौर पर रखी गई थी। हालांकि बाद में स्पेशल फोर्स का इस्तेमाल कर उसे मारा गया।

साल 2019 में वॉल स्‍ट्रीट जनरल ने पहली बार इन मिसाइलों के बारे में जानकारी दी थी। इस मिसाइल को उस समय अफगानिस्‍तान,यमन, इराक, लीबिया और सोमालिया में हुए हमलों में इस्तेमाल किया था। इससे आर्मी का वक्त भी बचता है और वो आसानी से दुश्मन को टारगेट कर लेती है। 

कब-कब हुआ R9X हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल ?

यूएस ने अब तक कितनी बार इस मिसाइल का इस्तेमाल किया है उसका भी कोई पुख्ता आंकड़ा अब तक सामने नहीं आ पाया है। ऐसा कहा जाता है कि अलकायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल खैर अल मसरी को भी इसी मिसाइल से मार गिराया गया था। जनवरी 2019  में अमेरिका ने इसी मिसाइल के जरिए अपने सबसे बड़े दुश्मन में से एक आतंकी जमाल अल बदावी को मार गिराया था। वहीं अगस्त 2021 में अमेरिका ने फिर इस मिसाइल का इस्तेमाल किया। अफगानिस्तान के नांगरहार प्रोविंस में 2 कुख्यात आतंकियों को मार गिराया। अमेरिकी सेना ने रीपर ड्रोन के जरिए इस मिसाइल का इस्तेमाल किया था। 

बता दें कि अमेरिका के पास ऐसे कई हथियार 1950 से पहले से मौजूद है। 1950 के दशक में कोरिया और वियतनाम जंग के दौरान अमेरिकी सेना के जवानों ने इसी तरह के टारगेटेड किलिंग हथियार बनाया था। उसका नाम लेजी डॉग रखा गया था। लेजी डॉग एक बम था। हालांकि 1960 के बाद इस तरह के बम को बनाना बंद कर दिया गया। उसके बाद मिसाइल और ड्रोन के इस्तेमाल से टारगेट को मारा गया।

Web Title: Hellfire missile was the secret weapon used by America to kill Al-qaeda head, know how it works

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