चीन ने पीएम ओली और प्रचंड से कहा-मतभेद को समुचित तरीके से संभालें

By भाषा | Published: December 28, 2020 07:25 PM2020-12-28T19:25:11+5:302020-12-28T19:50:47+5:30

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग के उप-मंत्री गुओ येज़ोऊ एक उच्चस्तरीय टीम के साथ नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुँचे।

Handle the differences properly, China told Oli and Prachanda | चीन ने पीएम ओली और प्रचंड से कहा-मतभेद को समुचित तरीके से संभालें

प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच मतभेद दूर करने में नाकाम रहे थे। (file photo)

Highlightsचीनी टीम नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग से भी मुलाक़ात की।नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के पास है। ओली और प्रचंड दोनों नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पर अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं।

बीजिंगः चीन ने नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के परस्पर विरोधी गुटों से सोमवार को अनुरोध किया कि वे अपने विवाद को समुचित तरीके से संभालें और राजनीतिक स्थिरता का प्रयास करें।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोनों विरोधी नेताओं के बीच सुलह के प्रयास के तहत नेपाल में है।

चीन ने रविवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री गुओ येझु के नेतृत्व में अपने अधिकारियों का एक दल काठमांडू भेजा था। इससे पहले नेपाल में उसके हाई-प्रोफाइल राजदूत होउ यांकी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच मतभेद दूर करने में नाकाम रहे थे।

चीन को लेकर अपने झुकाव के लिये चर्चित प्रधानमंत्री ओली द्वारा पिछले रविवार को एक चौंकाने वाले कदम के तहत 275 सदस्यों वाले सदन को भंग कर दिया गया था।

प्रधानमंत्री की अनुशंसा पर नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उसी दिन सदन को भंग कर दिया था और 30 अप्रैल और 10 मई को नए चुनावों की घोषणा की थी इसके बाद प्रचंड के नेतृत्व वाले एनसीपी के बड़े धड़े ने इसे लेकर विरोध जताया था। प्रचंड सत्ताधारी दल के सह-अध्यक्ष भी हैं।

चीन द्वारा नेपाल की राजनीति में खुले तौर पर दखल दिये जाने को लेकर उठते सवालों पर बीजिंग ने सोमवार को गुओ के दौरे का बचाव करते हुए कहा कि उनके दौरे का उद्देश्य सीपीसी और नेपाल के राजनीतिक दलों के बीच आदान-प्रदान व सहयोग को बढ़ाना है।

यह पूछे जाने पर कि क्या गुओ के दौरे का लक्ष्य एनसीपी के दोनों धड़ों के बीच राजनीतिक सुलह कराना है, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन ने “नेपाल की राजनीतिक स्थिति के घटनाक्रम” को संज्ञान में लिया है।

झाओ ने कहा, “एक मित्र और करीबी पड़ोसी होने के नाते हम यह उम्मीद करते हैं कि नेपाल में सभी पक्ष राष्ट्रीय हित और संपूर्ण परिदृश्य को ध्यान में रखेंगे और आंतरिक विवाद को समुचित तरीके से सुलझाएंगे तथा राजनीतिक स्थिरता व राष्ट्रीय विकास को हासिल करने का प्रयास करेंगे।”

उन्होंने कहा, “सीपीसी स्वतंत्रता,पूर्ण समानता, परस्पर समान और गैर-हस्तक्षेप की विशेषता वाले अंतर-दलीय संबंधों के सिद्धांत को बढ़ावा देती है।”

झाओ ने कहा, “चीन और नेपाल की रणनीतिक सहयोग साझेदारी, स्थायी मित्रता और दोनों देशों व उनके लोगों के फायदों को बढ़ावा देने के लिये पार्टी नेपाल में सभी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम करेगी।”

उन्होंने कहा कि चीन और नेपाल “लंबे समय से अच्छे पड़ोसी, मित्र और साझेदार रहे हैं।

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Web Title: Handle the differences properly, China told Oli and Prachanda

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