जलवायु परिवर्तन का असर, ग्रीनलैंड में तेजी से पिघल रही है बर्फ
By भाषा | Published: December 10, 2018 01:30 PM2018-12-10T13:30:37+5:302018-12-10T13:30:37+5:30
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के उपग्रह से लिए गए 25 साल के आंकड़ों के इस्तेमाल से किए गए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने की रफ्तार तेज हो गई है।
बदलते मौसम का असर हमारे पर्यावरण पर लगातार हो रहा है। बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वॉर्मिंग से लगातार पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकते हैं कि दुनिया की कई बर्फीली जगहों की जमी बर्फ गर्मी के कारण पिघल रही हैं। हाल ही में एक आंकड़े सामने आए हैं जिससे पता चला है कि ग्रीनलैंड में जमी बर्फ लगातार पिघर रही है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के उपग्रह से लिए गए 25 साल के आंकड़ों के इस्तेमाल से किए गए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने की रफ्तार तेज हो गई है।
यह अध्ययन पत्रिका अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लेटर्स में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में साल 1992 और 2016 के बीच यूरोपीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह एन्विसैट और क्रायोसैट अभियान से एकत्रित किए गए रडार एल्टीमेट्री डेटा का इस्तेमाल किया गया है।
ईसीए के जलवायु परिवर्तन पहल के जरिए काम कर रहे वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा कि नब्बे के दशक की शुरुआत में मामूली अंतर दिखा लेकिन उपग्रह में साल 2003 के बाद से बर्फ का तेजी से पिघलना देखा जा सकता है।
शोध के मुख्य लेखक लुईस सैंडबर्ग सोरेनसन ने कहा, ‘‘पूरे 25 साल की अवधि में पता चलता है कि बर्फ का ज्यादातर हिस्सा ग्रीनलैंड की पश्चिम, उत्तर पश्चिम और दक्षिण पूर्व घाटियों में पिघल रहा है।’’
वैश्विक जलवायु प्रणाली में ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए यह उत्तर अटलांटिक में समुद्र के प्रवाह को प्रभावित करती है।