जनरल नरवणे ने श्रीलंका के शीर्ष सैन्य व असैन्य नेतृत्व से मुलाकात की
By भाषा | Published: October 13, 2021 09:07 PM2021-10-13T21:07:17+5:302021-10-13T21:07:17+5:30
कोलंबो, 13 अक्टूबर भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को यहां श्रीलंका के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात की तथा दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
भारतीय सेना ने एक ट्वीट में कहा कि अपने श्रीलंकाई समकक्ष जनरल शावेंद्र सिल्वा के निमंत्रण पर मंगलवार को चार दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे जनरल नरवणे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से मुलाकात की जो श्रीलंकाई सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी हैं। जनरल नरवणे ने राष्ट्रपति के साथ परस्पर और रणनीतिक सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
भारतीय उच्चायोग ने यहां ट्वीट किया, ‘‘ भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से मुलाकात की ताकि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए उनका मार्गदर्शन हासिल किया जा सके...।’’
जनरल नरवणे ने राष्ट्रपति से कहा कि इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारत पड़ोसी देशों में स्थिरता की उम्मीद करता है। उन्होंने यह भी कहा कि करीब एक हजार श्रीलंकाई सैनिक हर साल भारत में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सेना के 50 अधिकारियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए पाठ्यक्रम की भविष्य में व्यवस्था की जाएगी।
राष्ट्रपति खुद श्रीलंकाई सेना के सेवानिवृत्त कर्नल हैं और उन्होंने एक सैन्य अधिकारी के रूप में भारत में अपने प्रशिक्षण और अनुभवों को याद किया।
जनरल नरवणे ने सुबह प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से भी उनके आधिकारिक आवास ‘टेंपल ट्रीज’ पर मुलाकात की।
भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा, "मजबूत रक्षा संबंधों के महत्व पर बल दिया गया। भारत और श्रीलंका के सशस्त्र बलों के बीच मौजूदा संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।"
श्रीलंका के न्यूज फर्स्ट चैनल के अनुसार जनरल नरवणे ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से कहा, "दोनों सशस्त्र बलों के बीच उत्कृष्ट संबंध हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह सकारात्मक बातचीत दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करेगी।
चैनल ने कहा कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पूरे वर्ष श्रीलंका को दी गयी सहायता, खासकर प्रशिक्षण के क्षेत्र में, की सराहना की।
जनरल नरवणे ने श्रीलंका के विदेश सचिव जयंत कोलंबगे से भी मुलाकात की।
इससे पहले जनरल नरवणे ने रक्षा मंत्रालय के सचिव जनरल (सेवानिवृत्त) जीडीएच कमल गुनारत्ने से मुलाकात की तथा श्रीलंका व भारत के बीच प्रगाढ़ रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
उन्होंने सेना मुख्यालय का भी दौरा किया जहां उन्होंने सम्मान गारद का निरीक्षण किया। भारतीय सेना की तरफ से जारी एक अन्य ट्वीट के मुताबिक, “सेना प्रमुख ने शानदार ‘टर्नआउट व परेड’ के लिए गारद की सराहना भी की।”
भारतीय सेना ने कहा कि जनरल नरवणे ने जनरल शावेंद्र सिल्वा से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने यात्रा के दौरान श्रीलंकाई सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की।
जनरल नरवणे ने यहां भारतीय शांति सेना (आईपीकेपी) युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया और भारतीय सेना के उन बहादुरों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने श्रीलंका में शांति अभियान के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने श्रीलंकाई सेना के पूर्व सैनिकों से भी बातचीत की।
वह खुद भी 1987 से 1990 के बीच उत्तरी व पूर्वी श्रीलंका में भारतीय शांतिरक्षक बल में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनकी पत्नी वीना नरवणे ने श्रीलंकाई सशस्त्र बलों के युद्ध के दौरान दिव्यांग हुए सैनिकों के केंद्र 'मिहिन्दू सेठ मेदुरा' का दौरा किया। उन्होंने वहां लोगों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना।
बृहस्पतिवार को वह पूर्व में मदुरू ओया स्पेशल फोर्स ट्रेनिंग स्कूल में चल रहे द्विपक्षीय अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ का अंतिम प्रदर्शन देखेंगे।
भारत और श्रीलंका ने पिछले सप्ताह द्वीपीय राष्ट्र के पूर्वी जिले अम्पारा में युद्धक प्रशिक्षण स्कूल’ में आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ 12 दिवसीय व्यापक सैन्य अभ्यास शुरू किया था।
कर्नल प्रकाश कुमार की अध्यक्षता में भारतीय सेना के 120 जवानों की सशस्त्र टुकड़ी की भागीदारी के साथ चार से 15 अक्टूबर तक ‘मित्र शक्ति’ अभ्यास का आठवां संस्करण चल रहा है।
जनरल नरवणे की यात्रा विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के श्रीलंका दौरे और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के एक सप्ताह बाद हो रही है।
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