चीन ने हफ्तेभर बाद माना, गलवान घाटी हिंसक झड़प में मारे गए उसके भी कमांडिंग अफसर

By पल्लवी कुमारी | Published: June 23, 2020 08:06 AM2020-06-23T08:06:39+5:302020-06-23T08:06:39+5:30

गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष के बाद भारत-चीन में तनाव बढ़ा हुआ है। यह बीते 45 सालों के दौरान सीमा पर हुआ सबसे गंभीर टकराव था। 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारत 20 जवान शहीद हो गए थे।

Galwan Valley clash: Chinese commanding officer among several killed along LAC | चीन ने हफ्तेभर बाद माना, गलवान घाटी हिंसक झड़प में मारे गए उसके भी कमांडिंग अफसर

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsभारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज (23 जून) को सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह का दौरा करेंगे।सेना के शीर्ष कमांडरों ने सोमवार (22 जून) को पूर्वी लद्दाख गतिरोध और चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की समग्र स्थिति पर विस्तृत चर्चा की।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में हुई हिंसक झड़प के एक हफ्ते बाद चीन ने माना है कि 15 जून को उनके भी एक कमांडिंग अफसर मारे गए थे। हालांकि चीन अपने हताहत हुए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है। मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताने वाली बात पर चीन ने कहा है कि इससे दोनों देशों में और भी ज्यादा तनाव बढ़ सकता है। गलवान घाटी में 15 जून को चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 15 जून को चीन के भी 43 सैनिकों के हताहत हुए हैं। 

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, चीन ने 15 जून को अपने कमांडिंग अफसर के मारे जाने की बात को पिछले हफ्ते गालवान में भारत के साथ सैन्य वार्ता के दौरान स्वीकारा है। गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने का विरोध करने पर चीनी सैनिकों ने पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था।

गलवान घाटी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गलवान घाटी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सोमवार को हुई भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत, 11 घंटे चली बैठक

भारत और चीनी सेना के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार (22 जून) को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता हुई। देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। पूर्वी लद्दाख में चुशुल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्दो में सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई और रात तक जारी रही। 

इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों पक्षों के बीच उसी जगह पर छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दिया था।

15 जून को हुई हिंसक झड़पों के बाद सीमा पर स्थिति बिगड़ गई, क्योंकि दोनों पक्षों (भारत-चीन) ने 3,500-किलोमीटर की वास्तविक सीमा के पास अधिकांश क्षेत्रों में अपनी सैन्य तैनाती को काफी तेज कर दिया।

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फाइल फोटो)
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फाइल फोटो)

भारत-चीन सीमा तनाव: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज करेंगे लेह का दौरा

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज (23 जून) को सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह का दौरा करेंगे। अपने दौरे के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे। इसके अलावा भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की बातचीत की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक के शहीद होने के बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का लेह का ये पहला दौरा होगा। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (21 जून) को शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समीक्षा की थी। इस घटना के बाद सरकार ने चीन के साथ लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सशस्त्र बलों को पूरी छूट दे दी है।

Web Title: Galwan Valley clash: Chinese commanding officer among several killed along LAC

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