रूस में ISRO के 4 पायलटों की ट्रेनिंग शुरू, अंतरिक्ष भेजे जाएंगे तीन सदस्य

By भाषा | Published: February 11, 2020 06:55 PM2020-02-11T18:55:52+5:302020-02-11T18:55:52+5:30

Gaganyaan Mission And Future Endeavours Are Keen On Collaborating With ISRO | रूस में ISRO के 4 पायलटों की ट्रेनिंग शुरू, अंतरिक्ष भेजे जाएंगे तीन सदस्य

प्रशिक्षण का अधिकांश भाग जीसीटीसी में पूरा होगा। (प्रतिकात्मक चित्र- ISRO)

Highlightsभारतीय पायलटों को विभिन्न असामान्य जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों में यान को ठीक प्रकार से उतारने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्लावकोस्मोस ने कहा कि 12 महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यापक स्तर पर बायोमेडिकल प्रशिक्षण के साथ नियमित शारीरिक अभ्यास भी शामिल होगा।

रूस की प्रक्षेपण सेवा प्रदाता कंपनी ग्लावकोस्मोस ने कहा है कि भारतीय वायु सेना के चार पायलटों को अंतरिक्ष अभियान के लिए योजना के अनुसार 12 महीनों का प्रशिक्षण मास्को स्थित गागरिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) में सोमवार को शुरू हुआ। गहन चयन प्रक्रिया के बाद वायुसेना के चार पायलट अंतरिक्ष अभियान के लिए इसरो के पायलट बने हैं। 

भारत ने गगनयान मिशन के तहत 2022 तक अंतरिक्ष में प्रथम भारतीय को भेजने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए प्रशिक्षित अंतरिक्षयात्री का चयन इन्हीं चार पायलटों में से किया जाएगा। ग्लावकोस्मोस ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक वक्तव्य में कहा, “गागरिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर ने सोमवार को भारतीय प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। अंतरिक्ष यात्रा के लिए दिया जाने वाला प्रशिक्षण ग्लावकोस्मोस और इसरो के बीच हुए करार के तहत शुरू हो रहा।” 

प्रशिक्षण का अधिकांश भाग जीसीटीसी में पूरा होगा। ग्लावकोस्मोस ने कहा कि 12 महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यापक स्तर पर बायोमेडिकल प्रशिक्षण के साथ नियमित शारीरिक अभ्यास भी शामिल होगा। इसके साथ ही प्रशिक्षुओं को सोयुज अंतरिक्षयान की प्रणाली का भी अध्ययन करना होगा। उन्हें कम समय के लिए विशेष रूप से आईएल-76 विमान में भार रहित वातावरण में रहने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

भारतीय पायलटों को विभिन्न असामान्य जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों में यान को ठीक प्रकार से उतारने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पिछले महीने कहा था कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को भारत में विशेष रूप से इसरो द्वारा निर्मित क्रू और मॉड्यूल सर्विस का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

इसमें उन्हें मॉड्यूल का संचालन और उसमें कार्य करना इत्यादि सिखाया जाएगा। भारतीय पायलटों को रूस में प्रशिक्षण देने के लिए ग्लावकोस्मोस और इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के बीच करार पर 27 जून 2019 को हस्ताक्षर किया गया था। ग्लावकोस्मोस रूस की सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉस्मोस की अनुषंगी कंपनी है। 

Web Title: Gaganyaan Mission And Future Endeavours Are Keen On Collaborating With ISRO

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