फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने दिया इस्तीफा, सरकार में फेरबदल की संभावना, जानिए कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 3, 2020 02:17 PM2020-07-03T14:17:02+5:302020-07-03T16:13:52+5:30
फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने पद से इस्तीफा दे दिया। कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था को लेकर वह संकट में घिरे थे। सरकार में फेरबदल की संभावना है।
पेरिसः फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने सरकार में संभावित फेरबदल के बीच एडवर्ड फिलिप के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे से कुछ ही देर बार शुक्रवार को बताया कि देश के अगले प्रधानमंत्री की घोषणा ‘‘आगामी घंटों’’ में की जाएगी।
देश के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों अपने कार्यकाल के अंतिम दो साल में कोरोना वायरस संकट से बुरी तरह प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। मैक्रों ने बृहस्पतिवार को विभिन्न स्थानीय समाचार पत्रों को दिए साक्षात्कार में कहा था कि वह देश के पुनर्निर्माण के लिए ‘‘नई राह’’ खोज रहे हैं।
उन्होंने पिछले तीन साल में फिलिप के ‘‘शानदार काम’’ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे देश का नेतृत्व करने के लिए राह का चयन करने होगा।’’ यह फेरबदल ऐसे समय में किया जाएगा, जब कुछ दिन पहले स्थानीय चुनावों में मैक्रों की पार्टी को फ्रांस के बड़े शहरों में हार का सामना करना पड़ा था।
सरकार को कोरोना वायरस संकट के दौरान और रविवार को हुए चुनाव से पहले आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। फेरदबल का फैसला मतदान से पहले ही कर लिया गया था। देश में मार्च और अप्रैल में संक्रमण के चरम पर पहुंचने के दौरान प्राधिकारियों को मास्क, जांच और चिकित्सकीय उपकरणों के अभाव के कारण आलोचना का शिकार होना पड़ा था।
तुर्की से गतिरोध के बाद फ्रांस ने नाटो की नौसेना में अपनी भूमिका रोकी
तुर्की के एक जंगी जहाज के साथ गतिरोध होने के बाद फ्रांस ने भूमध्य सागर में नाटो के नौसैनिक अभियान में अपनी भागीदारी अस्थायी रूप से रोकने की घोषणा की। फ्रांस ने लीबिया में संघर्ष को लेकर नाटो के अंदर तनाव बढ़ने के बीच यह कदम उठाया है।
फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मंगलवार को नाटो को एक पत्र भेज कर कहा कि वह ‘‘सी गार्डियन’’ में अपनी भागीदारी अस्थायी रूप से रोक रहा है। इससे पहले, नाटो के जांचकर्ताओं ने 10 जून की घटना पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि फ्रांस चाहता है कि नाटो के सहयोगी देश लीबिया पर हथियारों को लेकर लागू प्रतिबंध का समर्थन करें। फ्रांस ने तुर्की पर आरोप लगाया है कि उसने लीबिया पर लगाये गये हथियारों से जुड़े प्रतिबंधों का बार-बार उल्लंघन किया है।
साथ ही तुर्की की सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र में संघर्षविराम को सुरक्षित रखने में एक बाधक के रूप में काम कर रही है। हालांकि, तुर्की ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। फ्रांस, तुर्की के जंगी जहाज और फ्रांसीसी नौसेना के एक पोत के बीच भूमध्य सागर में इस महीने की शुरूआत में हुई एक घटना का दोहराव रोकने के लिये एक तंत्र बनाये जाने की भी अपील कर रहा है। नाटो घटना की जांच कर रहा है।