France alert: फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन, पाकिस्तान, लेबनान सहित कई देश के लोग सड़क पर उतरे, उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील

By भाषा | Published: October 30, 2020 10:13 PM2020-10-30T22:13:02+5:302020-10-30T22:13:02+5:30

बांगलादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शन में करीब 50,000 लोग शामिल हुए और मैक्रों का पुतला फूंका। लोगों ने ‘नस्लवाद रोकने’ ‘इस्लाम के खिलाफ नफरत रोकने’ के नारे लगाए और फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की।

France alert President Emmanuel Macron demonstrations against people Pakistan Lebanon boycott products | France alert: फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन, पाकिस्तान, लेबनान सहित कई देश के लोग सड़क पर उतरे, उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील

सोशल मीडिया पर भी फ्रांस के खिलाफ मुहिम चलायी जा रही है। तुर्की ने भी कड़े शब्दों में फ्रांस की आलोचना की है।  (file photo)

Highlightsभीड़ को तितर बितर कर दिया और तीन लोगों को हिरासत में लिया। लेबनान की राजधानी बेरूत में भी लोगों ने प्रदर्शन किए।अफगानिस्तान में भी इस्लामी पार्टी हज्ब-ए-इस्लामी के सदस्यों ने फ्रांस का झंडा जलाया। बांग्लादेश, पाकिस्तान से लेकर कुवैत में पिछले सप्ताह से फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील जोर पकड़ रही है ।

दुबईः पाकिस्तान, लेबनान से लेकर फलस्तीनी क्षेत्र समेत कई अन्य जगहों पर हजारों मुसलमान फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन के लिए शुक्रवार को सड़कों पर उतरे।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर के कार्टून छापने के संबंध में अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा का संकल्प लिया है जिसके बाद से मुस्लिम जगत में उबाल आ गया है । पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया जब करीब 2000 लोगों ने फ्रांस के दूतावास की ओर जाने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलायी। पाकिस्तान के लाहौर में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और कई सड़कों को अवरूद्ध कर दिया।

मुल्तान में प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का पुतला जलाया। यरूशलम में सैकड़ों फलस्तीनी ने अल अक्सा मस्जिद के बाहर मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान नारे लगाए, ‘‘पैगंबर मोहम्मद के लिए हम कुर्बानी देंगे।’’ पुराने शहर में इजराइल पुलिस के साथ कुछ युवाओं की भिड़ंत हो गयी। पुलिस ने कहा कि उन्होंने भीड़ को तितर बितर कर दिया और तीन लोगों को हिरासत में लिया। लेबनान की राजधानी बेरूत में भी लोगों ने प्रदर्शन किए।

बांगलादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शन में करीब 50,000 लोग शामिल हुए और मैक्रों का पुतला फूंका। लोगों ने ‘नस्लवाद रोकने’ ‘इस्लाम के खिलाफ नफरत रोकने’ के नारे लगाए और फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की।

अफगानिस्तान में भी इस्लामी पार्टी हज्ब-ए-इस्लामी के सदस्यों ने फ्रांस का झंडा जलाया। बांग्लादेश, पाकिस्तान से लेकर कुवैत में पिछले सप्ताह से फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील जोर पकड़ रही है । सोशल मीडिया पर भी फ्रांस के खिलाफ मुहिम चलायी जा रही है। तुर्की ने भी कड़े शब्दों में फ्रांस की आलोचना की है। 

फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथी हमले के बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया: महातिर मोहम्मद

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किये गए हमलों को लेकर उनकी टिप्पणी को संदर्भ से हटकर लिया गया, जिससे उन्हें निराशा हुई। महातिर (95) बृहस्पतिवार को अपने ब्लाग पर की गई टिप्पणी, ‘‘ मुस्लिमों को गुस्सा होने और फ्रांस द्वारा पूर्व में किए गए नरसंहार के लिए फ्रांस के लाखों लोगों को मारने का अधिकार है’’ को लेकर लोगों के निशाने पर आ गए थे। ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाले ट्वीट को हटा दिया।

कंपनी का कहना है कि इसमें हिंसा को गौरवान्वित किया गया था। वहीं फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से महातिर को ट्विटर पर प्रतिबंधित करने की मांग की। महातिर ने एक बयान में कहा, ‘‘ मैं खुद को गलत तरह से प्रदर्शित किए जाने और ब्लाग पर जो लिखा उसे संदर्भ से हटकर पेश जाने के प्रयासों से निराश हूं।’’

उन्होंने कहा कि आलोचक उनकी बाद की पंक्तियों को पढ़ने में विफल रहे, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘ ‘ हालांकि अब तक बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने आंख के बदले आंख वाली नीति नहीं अपनाई है। वे ऐसा नहीं करते हैं। फ्रांस के लोगों को भी नहीं करना चाहिए। इसके बजाय फ्रांस को अपने लोगों को दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ट्विटर और फेसबुक ने स्पष्टीकरण के बाद भी उनके बयान को हटा दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया कंपनियों के इस कदम को पाखंडपूर्ण करार दिया ।

उन्होंने कहा, ‘‘ एक तरफ तो वे उन लोगों का बचाव करते हैं जो पैगम्बर मोहम्मद का आपत्तिजनक कार्टून बनाते हैं और उम्मीद करते हैं कि सभी मुस्लिम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें। जबकि दूसरी ओर उन्होंने जानबूझकर यह बयान हटा दिया कि अतीत में मुस्लिमों ने कभी बदले की बात नहीं की।’’ हालांकि ट्विटर पर वह वाक्य नहीं हटाया गया है जबकि महातिर के एक कर्मचारी का कहना है कि फेसबुक ने पूरी पोस्ट को हटा दिया है। 

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