पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहराएं, 74% लोगों का गुजर बसर करना हुआ मुश्किल, यहां पढ़ें देश के हालात..
By आकाश चौरसिया | Published: August 11, 2024 10:35 AM2024-08-11T10:35:47+5:302024-08-11T11:20:03+5:30
पाकिस्तान में आर्थिक हालात इतने बिगड़ गए हैं कि 10 प्रतिशत लोगों को अपना घर चलाने के लिए दो नौकरी करनी पड़ रही है और यही इतने फीसद के लिए गुजारा करना भी मुश्किल हो गया है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के आर्थिक हालातों को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ये बताया गया है कि किस तरह से दिन प्रतिदिन शहरी लोगों के बीच घर चलाना कठिन होता जा रहा। रिपोर्ट की मानें तो 74 फीसदी लोग अपने खर्चों को पूरा करने में अस्मर्थ हैं, जो पिछले वर्ष से 14 फीसद अधिक है और इसका प्रभाव अभी काफी ज्यादा हो चला है।
इससे निपटने की रणनीतियों में आवश्यक खर्चों में कटौती से लेकर उधार लेना और अतिरिक्त काम करना शामिल है। जैसे-जैसे सरकार बढ़ते कर्ज के बीच आर्थिक योजनाओं का खुलासा कर रही है, लाखों पाकिस्तान के लोगों के लिए स्थिति बिगड़ती जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई और अगस्त के बीच पाकिस्तान के 11 सबसे बड़े शहरों में 1,110 से अधिक लोगों पर सर्वे किया गया, देश के आर्थिक परिदृश्य की एक गंभीर तस्वीर पेश करता है। एक साल पहले, मई 2023 में 60 फीसद परिवारों ने वित्तीय कठिनाइयों की सूचना दी थी। आज वह संख्या नाटकीय रूप से बढ़ गई है।
अब इस वित्तीय आपदा से हुआ ये कि लोगों को 2 जून की इकट्ठा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 60 प्रतिशत को जबरन अपने खर्च में कटौती करनी पड़ी, जिसमें उनकी जरूरतों का सामान, जबकि 40 प्रतिशत लोगों ने अपने जानने वालों से उधार मांगा। इसके अतिरिक्त 10 प्रतिशत लोग अपनी तनख्वा बढ़ाने के लिए पार्ट टाइम वर्क करने को मजबूर हैं।
यहां तक कि लोगों ने अपनी आम दिन की दिनचर्या में लगने वाली जरूरतों को पूरा करने में 56 फीसदी बचाने में पूरी तरह से अस्मर्थ और बचत नहीं कर पा रहे हैं, जो कई शहरी पाकिस्तानियों द्वारा सामना की जाने वाली अनिश्चित वित्तीय स्थिति को उजागर करता है।
पल्स कंसल्टेंट के सीईओ (CEO) ने इस महीने के अंत में अधिक व्यापक अध्ययन की योजना की घोषणा की। इस आगामी सर्वे का उद्देश्य 17 प्रमुख पाकिस्तानी शहरों में 1,800 से अधिक लोगों के साथ खरीदारी और उपभोग की आदतों पर मुद्रास्फीति के प्रभाव का आकलन करना है।
वित्तीय संकट के बीच पाकिस्तानी सरकार ने पिछले महीने अगले तीन साल के लिए आर्थिक योजना को सामने लाए थे। इस योजना में अभी भी केंद्रीय बजट में प्रोविंस के शेयर के अनुपात को बढ़ाकर 39.4 फीसदी से 48.7 फीसदी 2027 तक किया गया। हालांकि, देश का कर्ज लगाता बढ़ता जा रहा है, इस बार खत्म हुए वित्तीय-वर्ष में यह बढ़कर 79,731 बिलियन पाकिस्तान रुपए हो गया है।
पाकिस्तानी सरकार ने दावा किया है कि वो कर्ज को कम करने के लिए काम कर रही है, जिसमें पुनर्वित्त और ब्याज दर जोखिम प्रबंधन सहित शामिल है। इस तरह से जुड़े विकास में पाकिस्तान ने हाल में 7 बिलिन डॉलर का विशेष आर्थिक पैकेज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से ऑफर किया गया है।