बेरुत में धमाकाः लेबनान के दो कैबिनेट मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, सड़क पर जनता, संकट में प्रधानमंत्री, जानिए मामला

By भाषा | Published: August 10, 2020 03:07 PM2020-08-10T15:07:39+5:302020-08-10T15:07:39+5:30

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल करीब 30 प्रतिभागियों ने चार अगस्त को बेरुत में हुए धमाके की ‘विश्वसनीय और निष्पक्ष’ जांच में मदद की पेशकश की। यह एक अन्य प्रमुख मांग है जिसको लेकर लेबनानी जनता ने शनिवार और रविवार को सड़कों पर प्रदर्शन किया।

Explosion in Beirut Two Lebanese cabinet ministers resign public on the road, prime minister in crisis | बेरुत में धमाकाः लेबनान के दो कैबिनेट मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, सड़क पर जनता, संकट में प्रधानमंत्री, जानिए मामला

सत्तारूढ़ कुलीनों के गंभीर कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की वजह से बेरूत के बंदरगाह स्थित गोदाम में धमाका हुआ।

Highlightsगुस्से की वजह से सरकार अस्थिर हो सकती है। इस धमाके में 160 लोगों की मौत हुई है और करीब छह हजार लोग घायल हुए हैं।पिछले हफ्ते हुए धमाके की वजह से इस्तीफा दे रही हैं। इसके बाद खबरें आ रही हैं कि और भी मंत्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। पर्यावरण मंत्री दामेनियोस कातर ने भी रविवार देर रात अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि सत्ता प्रणाली ‘शिथिल और निष्प्रभावी’ हो गई है।

बेरुतः विश्व नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने बेरुत में हुए धमाके के मद्देनजर लेबनान को 30 करोड़ डॉलर की आपात सहायता मानवीय आधार पर देने का वादा किया है, लेकिन साथ ही चेताया है कि पुननिर्माण के लिए कोई पूंजी तब तक उपलब्ध नहीं होगी, जबतक लेबनानी अधिकारी लोगों की मांग के अनुरूप राजनीतिक और आर्थिक सुधार को लेकर प्रतिबद्धता नहीं जताते।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल करीब 30 प्रतिभागियों ने चार अगस्त को बेरुत में हुए धमाके की ‘विश्वसनीय और निष्पक्ष’ जांच में मदद की पेशकश की। यह एक अन्य प्रमुख मांग है जिसको लेकर लेबनानी जनता ने शनिवार और रविवार को सड़कों पर प्रदर्शन किया।

बेरुत में, लेबनान के दो कैबिनेट मंत्रियों, जिनमें प्रधानमंत्री का एक शीर्ष सहायक शामिल है, ने इन संकेतों के बीच इस्तीफा दे दिया कि राजधानी बेरुत धमाके उपजे गुस्से की वजह से सरकार अस्थिर हो सकती है। इस धमाके में 160 लोगों की मौत हुई है और करीब छह हजार लोग घायल हुए हैं।

घटना से जनता का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है

इस घटना से जनता का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। लेबनान की सूचना मंत्री मनाल अब्देल समद ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वह लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाने और पिछले हफ्ते हुए धमाके की वजह से इस्तीफा दे रही हैं। इसके बाद खबरें आ रही हैं कि और भी मंत्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

लेबनान के पर्यावरण मंत्री दामेनियोस कातर ने भी रविवार देर रात अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि सत्ता प्रणाली ‘शिथिल और निष्प्रभावी’ हो गई है। उन्होंने रविवार को बंद दरवाजे में हुई बैठकों और प्रधानमंत्री हस्सान दियाब के साथ फोन पर हुई बातचीत के बावजूद पद छोड़ने का फैसला किया।

नियमों के तहत अगर 20 मंत्रियों में से सात मंत्री इस्तीफा दे देते हैं तो

कई और मंत्री भी अब्देल समद का अनुकरण कर रहे हैं। हालांकि, और इस्तीफों को रोकने के लिए राजनीतिक कोशिश की जा रही है। नियमों के तहत अगर 20 मंत्रियों में से सात मंत्री इस्तीफा दे देते हैं तो कैबिनेट को भंग करना होगा और कार्यवाहक सरकार के तौर पर जिम्मेदारी निभानी होगी।

बेरुत स्थित ‘कार्नेगी मिडिल ईस्ट सेंटर’ की निदेशक महा यह्या ने कहा कि चर्चा साफ तौर पर रेखांकित कर रही है कि पिछले दरवाजे से एक नयी सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य हो, साथ ही लोगों का गुस्सा भी शांत हो।

उन्होंने कहा कि वास्तव में मौजूदा सरकार निष्क्रिय रही। वह न तो कोई सुधार कर सकी और न ही पूरी तरह से विभाजित राजनीतिक माहौल में अपना स्वतंत्र अस्तित्व दिखा सकी। यहां तक कि मंत्री भी इस डूबते जहाज से बाहर जा रहे हैं। इस बीच, चार सांसदों ने रविवार की घोषणा की कि वे 128 सदस्यीय संसद से इस्तीफा दे रहे हैं। इससे पहले भी चार सदस्य अपने इस्तीफे की घोषणा कर चुके हैं जबकि इस हफ्ते में संसद का सत्र होना है।

राजनीतिक वार्ताओं के बीच प्रदर्शनकारियों ने रविवार दोपहर को एक बार फिर संसद का घेराव किया और एक और रात हिंसक प्रदर्शन हुआ। संसद भवन में घुसने का प्रयास कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की वहां भारी संख्या में मौजूद सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़प हुई और उन्हें काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सत्तारूढ़ कुलीनों के गंभीर कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की वजह से बेरूत के बंदरगाह स्थित गोदाम में धमाका हुआ।

गोदाम में रखे गए सैकड़ों टन विस्फोटक पदार्थ में धमाके से सैकड़ों इमारतें ध्वस्त हो गई

गोदाम में रखे गए सैकड़ों टन विस्फोटक पदार्थ में धमाके से सैकड़ों इमारतें ध्वस्त हो गई है। संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस द्वारा सह प्रायोजित दान सम्मेलन में शामिल अंतिम बयान में कहा गया, ‘‘इस विपदा के समय लेबनान अकेला नहीं है।’’

सम्मेलन में प्रतिभागियों ने आपात मदद का वादा किया जिसमें दवाओं, अस्पताल, स्कूल, भोजन और आवास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह मदद संयुक्त राष्ट्र से समन्वय कर पहुंचाई जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमें वह सब कुछ करना होगा जिससे हिंसा और अराजकता की जीत नहीं हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चार अगस्त का धमाका वज्रपात की तरह है। यह समय जगने और कार्रवाई करने का है। लेबनानी अधिकारियों को अब राजनीतिक और आर्थिक सुधार करना होगा।’’ इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी और चीन, यूरोपीय संघ एवं खाड़ी देशों के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। 

Web Title: Explosion in Beirut Two Lebanese cabinet ministers resign public on the road, prime minister in crisis

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