विशेषज्ञों ने चेताया: पाकिस्तानी मूल के कट्टरपंथी उपदेशक का नेटवर्क फिर से हो रहा है पुनर्जीवित
By भाषा | Published: February 17, 2019 12:05 AM2019-02-17T00:05:27+5:302019-02-17T00:05:27+5:30
‘होप नॉट हेट’ चरमपंथ विरोधी समूह ने अपनी वार्षिक 'स्टेट ऑफ हेट' रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अल-मुहाजिरून दो साल शांत बैठने के बाद फिर से पुनर्जीवित हो रहा है जबकि उसके प्रमुख सदस्य जेल में थे।
लंदन, 16 फरवरी: इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) आतंकवादी समूह के समर्थन के लिए ब्रिटेन में दोषी ठहराये गये ब्रिटिश-पाकिस्तानी कट्टरपंथी उपदेशक अंजुम चौधरी से जुड़ा चरमपंथी समूह खुद को पुनर्जीवित कर रहा है। चरमपंथ विरोधी विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है। अल-मुहाजिरून नेटवर्क के संस्थापक अंजेम चौधरी (51) को पिछले वर्ष अक्टूबर में दक्षिण लंदन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल से रिहा किया गया था। चौधरी को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी और आधी सजा काटने पर ही उसे रिहा कर दिया गया था।
एक ताजा विश्लेषण के बाद, ‘होप नॉट हेट’ चरमपंथ विरोधी समूह ने अपनी वार्षिक 'स्टेट ऑफ हेट' रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अल-मुहाजिरून दो साल शांत बैठने के बाद फिर से पुनर्जीवित हो रहा है जबकि उसके प्रमुख सदस्य जेल में थे।
‘होप नोट हेट’ के मुख्य कार्यकारी निक लोलेस ने ‘द इंडिपेंडेंट’ समाचार पत्र को बताया कि उनके कुछ और प्रमुख सदस्यों की रिहाई से ऐसा प्रतीत होता है कि स्ट्रीट स्टॉल और अन्य गतिविधियों को फिर से स्थापित करने के लिए कुछ युवा समर्थकों को प्रेरित किया जा रहा है।
‘होप नॉट हेट’ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इसकी इकाइयाँ लंदन, ल्यूटन और डर्बी के कुछ हिस्सों में सक्रिय है जबकि उसके कुछ समर्थक बर्मिंघम, लीसेस्टर और स्लो में भी है।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस सहायक आयुक्त और ब्रिटेन आतंकवाद रोधी पुलिसिंग के प्रमुख निल बसु ने कहा कि समूह बल के रडार पर है और उसे आतंकवाद को भड़काने, या सामाजिक समस्याओं और तनावों का फायदा नहीं उठाने दिया जायेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अल-मुहाजिरून की गतिविधि को बाधित करने के लिए हम पूरे ब्रिटेन में पुलिस बलों के साथ काम कर रहे हैं और हम उन्हें एक समूह के रूप में नए सदस्यों की भर्ती या प्रभावी ढंग से कार्य करने के किसी भी अवसर से वंचित कर सकते हैं।’’
अपनी रिहाई के बाद से ही निगरानी में चले रहे चौधरी का संबंध उन समर्थकों से था जो ब्रिटेन में कई आतंकवादी हमलों में शामिल थे। ऐसा माना जा रहा है कि उसके ज्यादातर समर्थकों ने इराक तथा सीरिया में आईएसआईएस और अलकायदा में शामिल होने के लिए ब्रिटेन छोड़ दिया है।