दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाना चाहता है यूरोपीय संघ
By भाषा | Published: November 26, 2021 05:12 PM2021-11-26T17:12:45+5:302021-11-26T17:12:45+5:30
ब्रसेल्स, 26 नवंबर यूरोपीय संघ के देश कोविड-19 के एक नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए दक्षिणी अफ्रीका से आने वाले हवाई यात्रियों पर रोक लगाने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। ये कदम ऐसे वक्त में उठाए जा रहे हैं जब 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में संक्रमण के मामले काफी बढ़ रहे हैं।
यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने एक वक्तव्य में कहा कि वह ‘‘सदस्य देशों के साथ करीबी समन्वय से दक्षिणी अफ्रीका क्षेत्र से आने वाले हवाई यात्रियों को रोकने के लिए आपातकालीन रोक लगाने का प्रस्ताव देती हैं।’’
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप सामने आया है, जिसे वैज्ञानिकों ने चिंता का सबब बताया है। उनका कहना है कि देश की सबसे घनी आबादी वाले प्रांत गावतेंग में युवाओं के बीच यह स्वरूप तेजी से फैला है।
जर्मनी ने कहा कि वोन डेर लेयेन के प्रस्ताव को जल्द से जल्द शुक्रवार रात तक लागू किया जा सकता है। देश के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से आ रहे विमान केवल जर्मनी के नागरिकों को ला सकेंगे और यात्रियों को 14 दिन तक पृथक वास करना होगा, भले ही उन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ली हो या नहीं।
जर्मनी में हाल के दिनों में संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या बढ़ रही है और बृहस्पतिवार को मृतकों की संख्या 1,00,000 के पार चली गयी।
इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी हर उस व्यक्ति के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है जो पिछले 14 दिनों में सात दक्षिणी अफ्रीकी देशों- दक्षिण अफ्रीका, लेसोतो, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, नामिबिया और एस्वातीनी में रहा है।
नीदरलैंड भी ऐसे ही कदम उठाने की योजना बना रहा है। देश के स्वास्थ्य मंत्री हुगो डे जोंगे ने कहा, ‘‘इन देशों को उच्च जोखिम वाले इलाके माना गया है। इसका मतलब है कि इन देशों से आने वाले यात्रियों को पृथक वास में रहना पड़ेगा और दोहरी जांच करानी पड़ेगी।’’
इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोना वायरस के नये स्वरूप से संक्रमण का मामला सामने आया है। यात्री और दो अन्य संदिग्ध संक्रमितों को पृथकवास में रखा गया है।
कोरोना वायरस के मामलों में चौथी बार वृद्धि होने से 27 देशों वाला यूरोपीय संघ बुरी तरह प्रभावित है और सरकार संक्रमण को फैलने से रोकने की कवायद में पाबंदियों को और सख्त बना रही है। उड़ानों पर प्रतिबंध का यह प्रस्ताव तब आया है जब ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को ऐसा ही कदम उठाया।
ब्रिटेन ने घोषणा की कि वह दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रहा है और यह प्रतिबंध शुक्रवार दोपहर से लागू होगा। साथ ही उसने कहा कि हाल में इन देशों से लौटने वाले लोगों को कोरोना वायरस की जांच कराने को कहा जाएगा।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने कहा कि ऐसी चिंताएं हैं कि नया स्वरूप डेल्टा स्वरूप के मुकाबले ‘‘अधिक संक्रामक हो सकता है’’ और हमारे पास इसके खिलाफ जो टीके अभी उपलब्ध हैं वे कम प्रभावी हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अभी जिस नए स्वरूप बी.1.1.529 की पहचान की गयी है वह दक्षिण अफ्रीका से बोत्सवाना और हांगकांग आए यात्रियों में पाया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी कामकाजी समूह की शुक्रवार को बैठक होनी है जिसमें वह नए स्वरूप का आकलन करेंगे और यह फैसला कर सकते हैं कि क्या इसे ग्रीक वर्णमाला से एक नाम दिया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पिछले हफ्ते में यूरोप में 11 प्रतिशत तक बढ़ गए और यह दुनिया में इकलौता क्षेत्र है जहां कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के यूरोप के निदेशक डॉ. हंस क्लुगे ने आगाह किया कि तत्काल उपायों के बिना इस महाद्वीप में गर्मियों तक 7,00,000 और लोगों की मौत हो सकती है।
ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ ने आपातकालीन रोक तंत्र स्थापित किया है। जब किसी तीसरे देश या क्षेत्र में महामारी की स्थिति तेजी से बिगड़ती है तो सदस्य देश यूरोपीय संघ में सभी यात्रा पर तत्काल, अस्थायी पाबंदी लगा सकते हैं। ऐसी पाबंदियों की कम से कम हर दो सप्ताह में समीक्षा की जानी होती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।