मिस्र: पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी की मौत पर मानवाधिकार संगठनों को शक, सुनवाई के दौरान कठघरे में गिर पड़े थे, काहिरा में दफनाए गए
By भाषा | Published: June 18, 2019 03:45 PM2019-06-18T15:45:01+5:302019-06-18T15:45:01+5:30
मानवाधिकार समूहों ने मुर्सी के निधन के संबंध में स्वतंत्र जांच की मांग की है। सरकारी टीवी ने बताया कि 67 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ।
लोकतांत्रिक रूप से चुने गए मिस्र के पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का शव काहिरा में दफन किया गया। मुर्सी अदालत में सुनवाई के दौरान गिर पड़े थे और उनका निधन हो गया था। मुर्सी के वकील अब्देल मोनीम अब्देल मकसूद ने कहा, ‘‘उन्हें पूर्वी काहिरा में उनके परिवार की मौजूदगी में मेदिनात नसर में दफनाया गया।’’
मानवाधिकार समूहों ने मुर्सी के निधन के संबंध में स्वतंत्र जांच की मांग की है। सरकारी टीवी ने बताया कि 67 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ। मुर्सी जासूसी के आरोप में अदालत की सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे। तभी वह अचानक बेहोश हो गए और उनका निधन हो गया।
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा, ‘‘अदालत ने पांच मिनट बोलने के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया था।... वह कठघरे में जमीन पर गिर गए... और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकीय रिपोर्ट में पता चला... कि उनकी नब्ज नहीं चल रही थी और वह सांस नहीं ले रहे थे।’’
मुर्सी को 2012 में देश का राष्ट्रपति चुना गया था। यह चुनाव मिस्र के लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे हुस्नी मुबारक को पद से हटाने के बाद हुए थे। मुर्सी का ताल्लुक देश के सबसे बड़े इस्लामी समूह मुस्लिम ब्रदरहुड से था जिसे अब गैर कानूनी घोषित कर दिया गया है। फौज ने बड़े स्तर पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के बाद 2013 में मुर्सी का तख्तापलट कर दिया था और ब्रदरहुड को कुचल दिया था। सेना ने मुर्सी समेत समूह के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था।