पाकिस्तान में हर साल 1000 अल्पसंख्यक लड़कियों से जबरन कबूल कराया जाता है इस्लाम धर्म
By स्वाति सिंह | Published: December 28, 2020 07:28 PM2020-12-28T19:28:04+5:302020-12-28T19:32:07+5:30
पाकिस्तान में 1000 से अधिक हिंदू अल्पसंख्यक लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, जिसे स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन बता कर पाकिस्तानी सरकार और वहां की स्थानीय मशीनरी छिपाने की असफल कोशिश करती है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हर साल लगभग 1,000 अल्पसंख्यक लड़कियों को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है। पाकिस्तान में एक स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार इन लड़कियों को आम तौर पर अगवा किया जाता है और फिर इनका निकाह करवाया जाता है। ऐसी लड़कियों में अधिकतर सिंध प्रांत से गरीब हिंदू लड़कियां होती हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस में लगे लॉकडाउन के दौरान इन मामलों की संख्या बहुत बढ़ गई है। इस दौरान लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं और परिवार कर्जे के बोझ के तले दबे हुए हैं। लड़कियों के तस्कर इन दिनों अधिक सक्रिय हो गए हैं और इंटरनेट पर लड़कियों को खोज रहे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस महीने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के कारण पैदा हुई चिंता का देश घोषित किया था जिसे पकिस्तान सरकार ने ख़ारिज कर दिया।
वहीं, रिपोर्ट्स की मानें तो लड़कियों को आमतौर पर उनके करीबी रिश्तेदारों या परिचितों या फिर उन लोगों द्वारा अपहरण किया जाता है जो दूल्हन की तलाश में होते हैं। कभी-कभी उन्हें उनके माता-पिता द्वारा कर्ज ना चुका पाने की स्थिति में अमीर जमींदारों को सौंप दिया जाता है। पुलिस इन मामलों में ढीला-ढाला रवैया बरतती है। इस माफिया में इस्लामिक धर्म गुरू, मजिस्ट्रेट, भ्रष्ट पुलिस अपराधियों की सहायता करती है।
जिब्रान नासिर नाम के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने इस नेटवर्क को माफिया बताया। उन्होंने कहा कि ये लोग गैर-मुस्लिम लड़कियों को अपना शिकार इसलिए बनाते हैं क्योंकि आसान और कमजोर लक्ष्य होती हैं। वे पीडोफिलिया के लक्षण वाले उम्रदराज पुरुषों के लिए आसान लक्ष्य हैं। पाकिस्तान की स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार इन लड़कियों की शादी अक्सर उम्रदराज आदमियों या उनका अपहरण करने वालों से ही कर दी जाती है।