अफगान चुनावों के दौरान बम विस्फोट में कम से कम 13 की मौत, कई दर्जन घायल
By भाषा | Published: October 20, 2018 08:14 PM2018-10-20T20:14:23+5:302018-10-20T20:14:51+5:30
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने काबुल में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद लोगों से अनुरोध किया कि ‘हर अफगान, युवा और बुजुर्ग, महिला और पुरूष’ को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए मत डालना चाहिए।
काबुल, 20 अक्टूबर: अफगानिस्तान में शनिवार को संसदीय चुनाव के दौरान अराजकता की स्थिति रही। हिंसा के दौरान दर्जनों लोगों की मौत हो गयी या घायल हो गये। तकनीकी खामी और कर्मचारियों की कमी के कारण सैंकड़ों मतदान केंद्रों पर मतदान ही शुरू ही नहीं हो सका और मतदाता घंटों कतार में खड़े रहे।
मतदाता पंजीकरण सूची और बायोमेट्रिक सत्यापन में लंबी देरी के बाद 360 मतदान केंद्रों में मतदान रविवार तक के लिए बढ़ा दिया गया।
कार्यकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मोहिबुल्लाह जीर ने बताया कि काबुल में कई विस्फोट में कम से कम तीन लोग मारे गये और 30 से अधिक लोग घायल हो गये। इससे पहले तालिबान ने मतदाताओं को चेतावनी दी थी कि वे "अपने जीवन की रक्षा के लिए" चुनावों का बहिष्कार करें।
एक इतालवी एनजीओ इमरजेंसी ने बताया कि काबुल में 37 लोगों को ट्रामा अस्पताल लाया गया था जिसमें एक मृत बच्चा शामिल है।
प्रांतीय इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमीशन (आईईसी) के निदेशक मोहम्मद रसूल उमर ने बताया कि उत्तरी प्रांत के कुंदुज में मतदान केंद्रों पर तालिबान के हमले के बाद आईईसी का एक कर्मचारी मारा गया और सात अन्य लापता है।
कुंदुज प्रांतीय राजधानी पर तीन रॉकेट से हमला किया गया लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है।
तालिबान का दावा है कि मतदान स्थानों, चेकप्वाइंट और सैन्य ठिकानों पर शनिवार सुबह 166 हमले किए गए।
हिंसा के खतरे के बाद भी बड़े शहरों में मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता देखे गये जिन्होंने घंटों तक इंतजार किया।
आईईसी ने बताया कि मतदान की प्रक्रिया को संभालने वाले शिक्षकों के देर से आने के कारण अधिकांश मतदान केंद्र देरी से खुले।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने काबुल में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद लोगों से अनुरोध किया कि ‘हर अफगान, युवा और बुजुर्ग, महिला और पुरूष’ को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए मत डालना चाहिए।