डोनाल्ड ट्रंप के बड़े बोल, 'अमेरिका के बिना बर्बाद हो गया होता फ्रांस'
By भाषा | Published: November 14, 2018 05:09 AM2018-11-14T05:09:13+5:302018-11-14T05:09:13+5:30
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को फ्रांस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश का बड़ा यूरोपीय सहयोगी दोनों विश्वयुद्धों में बर्बाद हो गया होता अगर अमेरिका ने उसे सैन्य हथियार ना उपलब्ध कराए होते।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को फ्रांस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश का बड़ा यूरोपीय सहयोगी दोनों विश्वयुद्धों में बर्बाद हो गया होता अगर अमेरिका ने उसे सैन्य हथियार ना उपलब्ध कराए होते।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यूरोप ने अपनी सेनाएं बनाई क्योंकि देश रक्षा के लिए अमेरिका पर निर्भर नहीं है। मैक्रों ने यह भी कहा कि यूरोप को चीन, रूस तथा अमेरिका के साइबर खतरों के खिलाफ रक्षा करने की जरुरत है। इस बयान के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया।
ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैक्रों ने अमेरिका, चीन और रूस के खिलाफ यूरोप की रक्षा के लिए अपनी सेना बनाने का सुझाव दिया। लेकिन प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी भारी था। अमेरिका के आने से पहले वे पेरिस में जर्मन सीख रहे थे...।’’
CNN पर बरसे थे ट्रंप
संवाददाता सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सीएनएन के प्रमुख व्हाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा के बीच तीखी नोंकझोंक होने के एक दिन बाद यह कार्रवाई की गई। व्हाइट हाउस ने अकोस्टा के बर्ताव को ‘‘घिनौना और आक्रोशित करने वाला’’ करार दिया।
अकोस्टा और ट्रंप के बीच कहासुनी के बाद व्हाइट हाउस ने यह कदम उठाया। दोनों के बीच कहासुनी उस वक्त हुई जब सीएनएन संवाददाता ने बैठ जाने के राष्ट्रपति के निर्देश को नहीं माना और अमेरिकी सीमा की तरफ बढ़ रहे मध्य अमेरिकी प्रवासियों के कारवां पर उनकी राय जानने के लिए लगातार सवाल करते रहे। तब बेहद गुस्से में दिख रहे ट्रंप ने कहा, ‘‘बहुत हो गया।’’ इसके बाद व्हाइट हाउस की एक इंटर्न ने सीएनएन के पत्रकार के हाथ से माइक लेने की नाकाम कोशिश की।
अकोस्टा के बर्ताव को ‘‘घिनौना और आक्रोशित करने वाला’’ करार देते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘आज की घटना के नतीजे के तौर पर व्हाइट हाउस, संबंधित रिपोर्टर का ‘हार्ड पास’ अगले आदेश तक के लिए निलंबित करता है।’’ सारा ने कहा कि ट्रंप आजाद प्रेस में यकीन करते हैं और अपने एवं अपने प्रशासन के बारे में मुश्किल सवालों की अपेक्षा करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, हम यह कभी नहीं बर्दाश्त करेंगे कि कोई रिपोर्टर व्हाइट हाउस इंटर्न के तौर पर अपना काम कर रही युवती पर अपना हाथ रखे। यह बर्ताव पूरी तरह अस्वीकार्य है।’’
सारा ने कहा, ‘‘यह रिपोर्टर के सहकर्मियों के लिए भी पूरी तरह अनादर की बात है कि उन्हें सवाल पूछने का मौका नहीं मिले।’’ उन्होंने दावा किया कि ट्रंप ने प्रेस को पहले के किसी भी राष्ट्रपति के कार्यकाल की तुलना में कहीं ज्यादा आजादी दी है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘सीएनएन की दलीलों के उलट, आजाद प्रेस के प्रति राष्ट्रपति के समर्थन का प्रदर्शन आज के कार्यक्रम से ज्यादा कुछ नहीं होगा। करीब डेढ़ घंटे में 35 अलग-अलग रिपोर्टरों से 68 सवाल लेने के बीच, आजाद प्रेस का समर्थन नहीं करने की बात कहकर वे राष्ट्रपति पर हमले बोलेंगे। इनमें कई सवाल तो उक्त रिपोर्टर के भी थे।’’