अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की अपील खारिज, न्यूयॉर्क दीवानी जांच में देनी होगी गवाही

By भाषा | Published: May 26, 2022 09:49 PM2022-05-26T21:49:58+5:302022-05-26T21:51:34+5:30

ट्रंप ने आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए अपील की थी। उनके वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप को गवाही देने का आदेश देना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि उनके जवाब समानांतर आपराधिक जांच में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

Donald Trump must testify under oath in civil investigation, judges rule | अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की अपील खारिज, न्यूयॉर्क दीवानी जांच में देनी होगी गवाही

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की अपील खारिज, न्यूयॉर्क दीवानी जांच में देनी होगी गवाही

Highlightsट्रंप ने आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए अपील की थीफैसले के खिलाफ ‘कोर्ट ऑफ अपील’ में जा सकते हैं यूएस के पूर्व राष्ट्रपति

न्यूयॉर्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयॉर्क राज्य की दीवानी जांच में अपने व्यवसायिक व्यवहार के बारे में शपथ के तहत सवालों का जवाब देना ही होगा। राज्य की एक अपीली अदालत ने बृहस्पतिवार को यह फैसला दिया। राज्य की निचली अदालत के अपीलीय खंड में चार-न्यायाधीशों की पीठ ने मैनहट्टन के न्यायाधीश आर्थर एंगोरोन के 17 फरवरी के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें ट्रंप और उनके दो सबसे बड़े बच्चों के लिए अटॉर्नी जनरल लेटिशिया जेम्स की जांच में गवाही देने के लिए समन जारी किया गया था। 

ट्रंप ने आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए अपील की थी। उनके वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप को गवाही देने का आदेश देना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि उनके जवाब समानांतर आपराधिक जांच में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। चार न्यायाधीशों की पीठ ने आत्म-अभियोग के खिलाफ पांचवें संशोधन का हवाला देते हुए लिखा, “एक आपराधिक जांच संबंधित तथ्यों के दीवानी उद्भेदन को रोकती नहीं है, जिस पर एक पक्ष आत्म-अभियोग के खिलाफ विशेषाधिकार का प्रयोग कर सकता है।” 

ट्रंप इस फैसले के खिलाफ राज्य की सबसे बड़ी अदालत ‘कोर्ट ऑफ अपील’ में याचिका दायर कर सकते हैं। एक डेमोक्रेट जेम्स ने कहा है कि उनकी जांच से सबूत सामने आए हैं कि ट्रंप की कंपनी, ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन, ने ऋण और कर लाभ प्राप्त करने के लिए गोल्फ कोर्स और गगनचुंबी इमारतों जैसी संपत्तियों के “फर्जी या भ्रामक” मूल्यांकन का इस्तेमाल किया। 

बृहस्पतिवार के फैसले का मतलब ट्रंप के लिए एक कठिन निर्णय हो सकता है कि क्या उन्हें सवालों का जवाब देना है, या आत्म अभियोग के खिलाफ पांचवें संशोधन का हवाला देते हुए चुप रहना है। दीवानी बयान में ट्रंप जो कुछ भी कहते हैं, उसका इस्तेमाल उनके खिलाफ मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय द्वारा की जा रही आपराधिक जांच में किया जा सकता है।

Web Title: Donald Trump must testify under oath in civil investigation, judges rule

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