अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: वोटिंग में धोखाधड़ी के दावों के बीच डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव टालने के दिए संकेत
By सुमित राय | Published: July 30, 2020 07:18 PM2020-07-30T19:18:44+5:302020-07-30T19:54:50+5:30
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस संकट के बीच नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को टालने के संकेत दिए हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहली बार इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में देरी की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पोस्टल वोटिंग बढ़ने से चुनाव में धोखाधड़ी होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय मतदान कराना सही नहीं होगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, "वैश्विक पोस्टल वोटिंग (न कि अनुपस्थित मतदान, जो कि अच्छा है) से 2020 का चुनाव इतिहास का सबसे ज्यादा गलत और धोखाधड़ी वाला होगा। यह अमेरिका के लिए बहुत शर्मनाक होगा।" इसके साथ ही ट्वीट में उन्होंने पूछा, "जब तक लोग ठीक से, सुरक्षित रूप से मतदान नहीं कर सकते तब तक चुनाव में देरी ???"
With Universal Mail-In Voting (not Absentee Voting, which is good), 2020 will be the most INACCURATE & FRAUDULENT Election in history. It will be a great embarrassment to the USA. Delay the Election until people can properly, securely and safely vote???
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 30, 2020
अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1.5 लाख के पार
बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस की स्थिति काफी भयावह है और वहां इस महामारी से मरने वालों की संख्या 1.5 लाख के पार चली गई है। विश्वभर में कोविड-19 के कारण सबसे अधिक लोगों की जान अमेरिका में ही गई है।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से 150,676 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, देश में 44 लाख 26 हजार मामले हैं और इस महामारी से अमेरिका दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।
29 फरवरी को हुई थी अमेरिका में पहली मौत
अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पहली मौत 29 फरवरी को हुई थी। 23 अप्रैल तक यानी 54 दिन बाद 50,000 लोगों की मौत हुई और इसके 34 दिन यानी 27 मई तक 100,000 लोगों की मौत हो गई। वहीं, इसके 63 दिन बाद 50,000 और लोगों की मौत हुई।
संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका एक नाजुक मोड़ पर है और इसी बीच देश में स्कूलों को खोले जाने और बच्चों के आने पर बहस छिड़ी हुई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीजेज के निदेशक एंथनी फाउची ने कई गवर्नरों के साथ बातचीत में कहा कि महामारी अपने आप कम नहीं होने वाला है। इसके लिए जो लोग सामान्य स्थिति चाहते हैं, उन्हें और अनुशासित होने की जरूरत है।