जी7 सम्मेलन को डोनाल्ड ट्रंप ने सितंबर तक टाला, भारत समेत अन्य देशों को शामिल करने की जताई इच्छा
By भाषा | Published: May 31, 2020 05:23 PM2020-05-31T17:23:16+5:302020-05-31T17:23:16+5:30
जी7 शिखर सम्मेलन को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सितंबर तक टाल दिया है। इसके साथ ही ट्रंप ने विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के इस समूह में भारत और तीन अन्य देशों को शामिल करने के साथ ही इस ‘पुराने’ समूह का विस्तार जी10 या जी11 तक करने की इच्छा व्यक्त की है।
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जी7 शिखर सम्मेलन को सितंबर तक टाल दिया है और विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के इस समूह में भारत और तीन अन्य देशों को शामिल करने के साथ ही इस ‘पुराने’ समूह का विस्तार जी10 या जी11 तक करने की इच्छा व्यक्त की है। ट्रम्प ने पहले सुझाव दिया था कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच जून के अंत तक अमेरिका में जी7 शिखर सम्मेलन कराने से बेहतर देश को फिर से खोलने का कोई और उदाहरण नहीं होगा।
ट्रम्प ने फ्लोरिडा से वाशिंगटन डीसी जाते हुए एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों को बताया कि वह ‘‘इसे सितंबर तक स्थगित कर रहे हैं’’ और इसमें रूस, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत को शामिल किए जाने की योजना है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि जी7 के तौर पर यह दुनिया में जो चल रहा है उसका उचित तरीके से प्रतिनिधित्व करता है। यह देशों का बहुत पुराना समूह है।’’ ट्रम्प ने कहा, ‘‘इसलिए यह जी10, जी11 हो सकता है और अमेरिका में चुनाव खत्म होने के बाद इसका विस्तार हो सकता है।’’
उन्होंने बताया कि सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से पहले जी7 शिखर सम्मेलन हो सकता है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘शायद मैं चुनाव के बाद यह करुंगा।’’ अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तीन नवंबर को होने हैं। ट्रम्प दूसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में हैं। ट्रम्प ने कहा कि वह जिन चार देशों को इसमें शामिल करना चाहते हैं उनके नेताओं से पहले ही इस विचार पर ‘‘मोटे तौर पर’’ बात कर चुके हैं। उन्होंने रूस का जिक्र किए बगैर कहा, ‘‘हम ऑस्ट्रेलिया को चाहते हैं, हम भारत को चाहते हैं, हम दक्षिण कोरिया को चाहते हैं। यह देशों का अच्छा समूह है।’’
ट्रम्प पहले ही रूस को फिर से इसमें शामिल करने के बारे में बात कर चुके हैं जिसे इस समूह से बाहर कर दिया गया था। रूस पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान जी8 समूह का हिस्सा था। रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा किए जाने के बाद 2014 में उसे इस समूह से बाहर कर दिया गया था। व्हाइट हाउस की सामरिक संचार निदेशक एलिसा अलेक्जेंड्रा फराह ने कहा कि यह ‘‘हमारे पारंपरिक सहयोगियों’’ को एक साथ लाना है और चर्चा करना है कि चीन के साथ भविष्य में कैसे निपटा जाए। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को लेकर अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है।
अमेरिका उस पर इस बीमारी के बारे में समय रहते जानकारी न देने का आरोप लगा रहा है और वायरस की उत्पत्ति की जांच कराने की मांग कर रहा है। वहीं चीन ने अमेरिका के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के कार्यालय ने शनिवार को कहा कि जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रहता है तब तक वह शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगी। जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में 60 लाख से अधिक लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं और 369,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका इस संक्रामक रोग से दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देश है। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के 17 लाख से अधिक मामले सामने आए और 103,000 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी। जी7 दुनिया की सबसे बड़ी और संपन्न अर्थव्यवस्थाओं वाले सात देशों का मंच है। इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं।
इन देशों के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और मुद्रा के मुद्दों पर हर साल बैठक करते हैं। इस साल जी7 की अध्यक्षता अमेरिका के पास है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर इस सम्मेलन को वर्चुअल तरीके से कराए जाने की चर्चा थी लेकिन ट्रम्प ने सुझाव दिया कि इसे व्यक्तिगत तौर पर आयोजित कराया जाए। शिखर सम्मेलन के दौरान जी7 अध्यक्ष आम तौर पर किसी एक या दो देशों के प्रमुख को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित करते हैं। पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था।