काबुल में स्कूल बम धमाकों में मृतक संख्या बढ़कर 50 हुई

By भाषा | Published: May 9, 2021 06:37 PM2021-05-09T18:37:19+5:302021-05-09T18:37:19+5:30

Death toll in school bombings in Kabul rises to 50 | काबुल में स्कूल बम धमाकों में मृतक संख्या बढ़कर 50 हुई

काबुल में स्कूल बम धमाकों में मृतक संख्या बढ़कर 50 हुई

काबुल, नौ मई (एपी) अफगानिस्तान की राजधानी में बालिका विद्यालय में किए गए भीषण बम धमाके में मृतक संख्या बढ़कर 50 हो गई है। गृह मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों में अधिकतर 11 से 15 साल की लड़कियां हैं। पीड़ित परिजनों ने रविवार को अपने प्रियजनों को सुपुर्दे खाक कर दिया।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान ने बताया कि शनिवार के इस हमले में घायलों की संख्या भी 100 के पार हो गई है।

राजधानी के पश्चिमी इलाके दश्त-ए-बरची में जब परिजन मृतकों को दफना रहे थे तो उनके भीतर दुख के साथ ही आक्रोश भी था।

मोहम्मद बारीक अलीज़ादा (41) ने कहा, “ सरकार घटना के बाद प्रतिक्रिया देती है। वह घटना से पहले कुछ नहीं करती है।”

अलीज़ादा की सैयद अल-शाहदा स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली भतीजी लतीफा की हमले में मौत हुई है।

अरियान ने बताया कि स्कूल की छुट्टी होने के बाद विद्यार्थी जब बाहर निकल रहे थे तब स्कूल के प्रवेश द्वार के बाहर तीन धमाके हुए।

ये धमाके राजधानी के पश्चिम में स्थित शिया बहुल इलाके में हुए हैं। तालिबान ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है और घटना की निंदा की है।

अरियान ने बताया कि पहला धमाका विस्फोटकों से लदे एक वाहन से किया गया जिसके बाद दो और धमाके हुए। साथ ही उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या अब भी बढ़ सकती है।

निरंतर बम धमाकों से दहली रहने वाली राजधानी में शनिवार को हुआ हमला अब तक का सबसे निर्मम हमला है। अमेरिकी और नाटो बलों की अंतिम टुकड़ियों की अफगानिस्तान से वापसी प्रक्रिया पूरी करने के बीच सुरक्षा के अभाव और अधिक हिंसा बढ़ने के भय को लेकर आलोचनाएं तेज होती जा रही हैं।

इन हमलों में पश्चिमी दश्त-ए-बरची इलाके के हाजरा समुदाय को निशाना बनाया गया जहां ये धमाके किए गए वहां अधिकांश हाजरा शिया मुसलमान हैं।

यह इलाका अल्पसंख्यक शिया मुसलमानों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमलों के लिये कुख्यात है और इन हमलों की जिम्मेदारी अक्सर देश में सक्रिय इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन लेते हैं। शनिवार को हुए धमाकों की जिम्मेदारी अब तक किसी ने नहीं ली है।

कट्टर सुन्नी मुस्लिम समूह ने अफगानिस्तान के शिया मुस्लिमों के खिलाफ जंग की घोषणा की है। इसी इलाके में पिछले साल जच्चा बच्चा अस्पताल में हुए क्रूर हमले के लिए अमेरिका ने आईएस को जिम्मेदार ठहराया था जिसमें गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु मारे गए थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता गुलाम दस्तीगार नाज़री ने कहा कि बम धमाकों के बाद, गुस्साई भीड़ ने एंबुलेंसों और यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मियों पर भी हमला किया जो घायलों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने निवासियों से सहयोग करने और एम्बुलेंसों को घटनास्थल पर जाने देने की अपील की।

अरियान ने हमले के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है, बावजूद इसके कि उसने इससे इनकार किया है।

सईद अल शाहदा स्कूल के बाहर खून से सने स्कूल बैग और किताबें बिखरी पड़ीं थी। सुबह में, इस विशाल स्कूल परिसर में लड़के पढ़ते हैं और दोपहर में लड़कियों के लिये कक्षाएं चलती हैं।

रविवार को दश्त-ए-बरची के हजारा समुदाय के नेताओं ने बैठक की और जातीय हजारा समुदाय की सुरक्षा में सरकार की नाकामी पर हताशा जताई और समुदाय का एक सुरक्षा बल बनाने का फैसला किया।

सांसद गुलाम हुसैन नसेरी ने कहा कि बल को स्कूलों, मस्जिदों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के बाहर तैनात किया जाएगा और वे सरकारी सुरक्षा बलों से सहयोग करेंगे।

हमले के बाद, अधिकतर जख्मियों को युद्ध में घायलों के लिए बने इमरजेंसी अस्पताल ले जाया गया। अफगानिस्तान में अस्पताल कार्यक्रम के समन्वयक मैक्रों पुनतिन ने कहा कि सभी लड़कियां 12 से 20 वर्ष की उम्र की थीं।

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Web Title: Death toll in school bombings in Kabul rises to 50

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